कानपुर से कोलकाता भागा डीएपी गबन में निलंबित भंडार नायक

करोड़ों की डीएपी के गबन का मामला है। आरोपित नामजद है। गबन की पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई है न कि किसी विपक्षी नेता ने आरोप लगाया है। इसके बाद भी निलंबित भंडार नायक अपने विभाग व पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। अब सुना जा रहा है कि उसकी लोकेशन कोलकाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:00 PM (IST)
कानपुर से कोलकाता भागा डीएपी गबन में निलंबित भंडार नायक
कानपुर से कोलकाता भागा डीएपी गबन में निलंबित भंडार नायक

जासं, प्रतापगढ़ : करोड़ों की डीएपी के गबन का मामला है। आरोपित नामजद है। गबन की पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई है, न कि किसी विपक्षी नेता ने आरोप लगाया है। इसके बाद भी निलंबित भंडार नायक अपने विभाग व पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। अब सुना जा रहा है कि उसकी लोकेशन कोलकाता है।

इस पूरे प्रकरण में बहुत सी बातें पीसीएफ के कुछ अधिकारियों को भी शक के दायरे में लाती हैं। यह तय है कि इतना बड़ा गबन एक दिन व एक व्यक्ति से तो नहीं हुआ है। बहुत से अधिकारी पहले भी इस शातिर की करतूतों के बारे में जानते रहे होंगे। दूसरे जिले में गबन के मामले में दागी होने के बाद भी इसे तीन गोदामों का मुखिया बनाकर मलाई काटने का मौका विभाग ने ही दिया। अफसर चुप्पी साधे रहे। अब जब खेल हो गया तो अपनी गर्दन बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। आरोपित भंडार नायक से पांच करोड़ की रिकवरी करने की तैयारी भी अधर में दिख रही है, क्योंकि अब तक उसकी संपत्ति की जांच में बहुत कुछ उसके नाम नहीं मिला है। ऐसे में विभागीय अधिकारी अब पुलिस के भरोसे हैं। खास बात यह भी है कि विभाग के अधिकारी पुलिस पर कोई दबाव भी नहीं बना रहे हैं। वह जैसे खुद ही चाहते हैं कि यह जांच ठंडे बस्ते में पड़ी रहे, क्योंकि अगर जांच होगी तो हो सकता है कि उसका असर उनके ऊपर भी पड़ जाए। पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच करनी है, अभी उसके भी किसी अधिकारी ने यहां संपर्क नहीं किया है। कोतवाली पुलिस की जांच भी कागजी कोरम लग रही है। अब तक चौकीदार और कुछ कर्मचारियों के बयान लेकर पुलिस भी ठंडी पड़ गई है। उधर फरार भंडार नायक का कोई पता नहीं है। कोलकाता में उसका लोकेशन होने की चर्चा विभाग में जरूर है, पर कोई इस पर कुछ बताने को पुलिस को भी तैयार नहीं है। इसके पहले वह कानपुर में रुका था। इसकी भनक पुलिस को लगने से पहले ही वह वहां से सरक गया। वह न तो घर पर मिल रहा है, न रिश्तेदारों के यहां। यही नहीं विभाग के लोगों से कुछ खास इनपुट पुलिस को नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में जांच कितने दिन तक खिचेंगी यह कहना मुश्किल है।

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आर्थिक अपराध का मामला है। बहुत से साक्ष्यों की इसमें जरूरत होती है। जांच चल रही है। जरूरी हुआ तो आरोपित को फरार घोषित करके उस पर पुरस्कार घोषित किया जा सकता है। न्यायालय में कुर्की के लिए भी अनुरोध किया जाएगा।

-सतपाल अंतिल, एसपी

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