आइपीएल के सट्टे में रकम डूबने पर गढ़ दी लूट की कहानी

जीवन बीमा प्रीमियम कलेक्शन सेंटर पर दिनदहाड़े लाखों की लूट की सूचना पर पुलिस दौड़ पड़ी। जांच में पता चला कि लूट की कहानी वहां के कैशियर ने आइपीएल मैच के सट्टे में रकम डूब जाने पर गढ़ी थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 10:43 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:43 PM (IST)
आइपीएल के सट्टे में रकम डूबने पर गढ़ दी लूट की कहानी
आइपीएल के सट्टे में रकम डूबने पर गढ़ दी लूट की कहानी

जासं, प्रतापगढ़ : जीवन बीमा प्रीमियम कलेक्शन सेंटर पर दिनदहाड़े लाखों की लूट की सूचना पर पुलिस दौड़ पड़ी। जांच में पता चला कि लूट की कहानी वहां के कैशियर ने आइपीएल मैच के सट्टे में रकम डूब जाने पर गढ़ी थी।

अमेठी के रहने वाले प्रदीप पांडेय एलआइसी प्रतापगढ़ में विकास अधिकारी हैं। उन्होंने एक प्रीमियम कलेक्शन सेंटर भी कार्यालय के सामने ही खोला है। यहां पर कैशियर के रूप में दहिलामऊ के प्रदीप विश्वकर्मा को रखा है। उसी कैशियर ने बुधवार को दिन में पौने दस बजे डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। बताया कि सेंटर पर दो लाख बीस हजार की लूट हो गई है। दो बदमाश मास्क लगाकर बाइक से आए और पिस्टल के बल पर लूट को अंजाम दिया। इस पर पुलिस के होश उड़ गए। सीओ अभय कुमार पांडेय, कोतवाल रवींद्र राय व कुछ देर बाद एएसपी पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी, एसओजी के जवान पहुंच गए। कैशियर से पूछने लगे कि क्या हुआ। तब तक प्रदीप पांडेय भी पहुंच गए। उन्होंने कैशियर पर शक जाहिर किया तो पुलिस कैशियर को पकड़ ले गई। बाद में कोतवाल सेंटर संचालक प्रदीप को भी पूछताछ के लिए बुलाए। कड़ाई से पूछताछ करने पर कैशियर टूट गया। सारी बात बता दी। एएसपी सुरेंद्र द्विवेदी का कहना है कि प्रदीप विश्वकर्मा ने लूट की झूठी कहानी गढ़ी थी। पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह ग्राहकों से कलेक्शन किया गया लगभग चार लाख रुपये आइपीएल के मैचों में सट्टा लगाया था। अचानक मैच टल जाने से वह परेशान हो गया। ग्राहकों को यह रुपये वापस न करने पड़े, इसके लिए उसने यह झूठी लूट की घटना की सूचना दी। इधर सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय का कहना है कि शातिर दिमाग कैशियर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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नहीं लगा है सीसीटीवी कैमरा

लूट की वारदात की जांच करने पहुंची पुलिस को सेंटर पर कोई क्लू आसानी से नहीं मिल सके। सेंटर पर लाखों के कैश का लेनदेन होने के बाद भी कैमरा न होने से पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उसने बगल के दुकानदारों से पूछा तो सबने घटना के बारे में जानकारी से इन्कार किया। पुलिस को बताने के पहले विश्वकर्मा ने प्रदीप को भी ऐसी ही सूचना दी तो वह बदहवास हो गए। वह घर से चल पड़े। कुछ देर में उनके पिता समेत स्वजन भी आ गए।

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पहले भी कर चुका है घपला

कैशियर प्रदीप ने कुछ महीने पहले भी लाखों रुपये का गोलमाल किया था। पैसों का हिसाब न मिल पाने पर उसने केंद्र संचालक से कहा था कि वह धीरे-धीरे पैसे वापस कर देगा। इस मामले में प्रदीप पांडेय ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, जिससे वह मनबढ़ हो गया था। अबकी उसने और बड़ी रकम को हड़पने का खेल कर दिया। पहले उसने चार लाख 12 हजार के लूट की सूचना प्रदीप को दी, बाद में बताया कि मामला दो लाख 20 हजार का है।

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