अभी भी संस्कृत के श्लोक अच्छे से हैं याद : आलोक सिन्हा
शहर के जीआइसी प्रतापगढ़ में पढ़ाई के दौरान संस्कृत शिक्षक जयनारायण मिश्र द्वारा कंठस्थ कराए गए श्लोक अभी भी याद हैं। संसू प्रतापगढ़ शहर के जीआइसी प्रतापगढ़ में पढ़ाई के दौरान संस्कृत शिक्षक जयनारायण
संसू, प्रतापगढ़ : शहर के जीआइसी प्रतापगढ़ में पढ़ाई के दौरान संस्कृत शिक्षक जयनारायण मिश्र द्वारा कंठस्थ कराए गए श्लोक अभी भी याद हैं। राम मुरैला उपाध्याय द्वारा गणित तथा जफर अली नकवी द्वारा पढ़ाई गई अंग्रेजी को भूलने का सवाल ही नहीं उठता। यह कहना है प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा का। गुरुपूर्णिमा पर्व को लेकर जब उनसे वार्ता की गई तो वह पुरानी बातों में खो से गए। उन्होंने कहा कि गुरुओं के आशीर्वाद से ही वह इस पद तक पहुंचे हैं।
कक्षा छह से इंटर तक की पढ़ाई स्थानीय राजकीय इंटर कालेज से ही आलोक सिन्हा ने की थी। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले गुरुजनों का लोग आदर करते थे। गुरु भी अपने शिष्य को बेटे जैसा प्यार देकर अपने हिसाब से उन्हें दक्ष किया करते थे। वर्तमान में इसमें कुछ गिरावट आई है, लेकिन अभी गुरु का महत्व ईश्वर से भी अधिक है, क्योंकि गुरु ही ईश्वर तक जाने का मार्ग बताता है। कबीर दास ने लिखा है गुरु गोविद दोऊ खड़े, काके लागूं पायं, बलिहारी गुरु आपने गोविद दियो बताए। पिछले वर्ष जीआइसी में हुए पुरातन छात्रों के सम्मेलन में आलोक सिन्हा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में अधिकांश पुराने साथियों से भेंट हुई थी। हालांकि उन्हें पढ़ाने वाले न तो राममुरैला उपाध्याय जी इस दुनियों में हैं और न ही जफर अली नकवी। इन दोनों का स्वर्गवास हो चुका है, लेकिन उनके द्वारा दिया गया ज्ञान अभी भी उन्हें कंठस्थ है। नकवी साहब ने अंग्रेजी का ग्रामर बड़े आसान तरीके से समझाया था। तो जय नारायण मिश्र ने संस्कृत का श्लोक व रूप रटा दिया था। गुरु पूर्णिमा पर वह अपने सभी गुरुजनों को नमन करते हैं।