सागर ने कोरोना काल में बेजुबानों का रखा ख्याल

जहां एक तरफ कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के चलते लोग अपने घरों से निकलने में डरते थे वहीं सागर गुप्ता को उनका पशुओं के प्रति प्रेम उन्हें घर से बाहर ले जाता रहा। वह रोज सुृबह अपनी बाइक से दो झोले में बेजुबानों के लिए सामान लेकर निकल जाते और शहर में घूम-घूम कर पशुओं को आहार कराते। इतना करने के बाद ही वह चैन की सांस लेते।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:10 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:10 PM (IST)
सागर ने कोरोना काल में बेजुबानों का रखा ख्याल
सागर ने कोरोना काल में बेजुबानों का रखा ख्याल

रमेश चंद्र त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : जहां एक तरफ कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के चलते लोग अपने घरों से निकलने में डरते थे, वहीं सागर गुप्ता को उनका पशुओं के प्रति प्रेम उन्हें घर से बाहर ले जाता रहा। वह रोज सुृबह अपनी बाइक से दो झोले में बेजुबानों के लिए सामान लेकर निकल जाते और शहर में घूम-घूम कर पशुओं को आहार कराते। इतना करने के बाद ही वह चैन की सांस लेते।

शहर के ट्रेजरी चौराहा निवासी सागर गुप्ता का बचपन से बेजुबान पशुओं के प्रति प्रेम है। कहीं भी कोई मवेशी घायल अवस्था में मिलता तो उसका इलाज कराते। जब कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया, तो लोग घरों में कैद हो गए। यह देख सागर के मन में आया कि मानव तो अपने खाने का इंतजाम कर लेगा, लेकिन बेजुबानों का कौन ध्यान देगा। यह सोच कर उन्होंने जिला प्रशासन से अपना पास बनवाया और लॉकडाउन के पहले दिन से ही लगातार रोज सुबह शहर में जहां तक संभव होता बेजुबान पशुओं को खाना खिलाते रहे। सागर अपने घर से सुबह दो झोले में बेसहारा पशुओं के लिए अपनी मोटरसाइकिल पर कुत्तों के लिए दूध, ब्रेड, गाय, सांड़, बंदर और असमर्थ इंसानों के लिए केला और पालक ले कर निकल पड़ते। जहां भी उनको कोई बेसहारा पशु या असमर्थ इंसान दिखाई देता, वह तुरंत उसे खाने को देते। इस कार्य में उनके साथी प्रशांत ने भी सहयोग किया। सागर ने बताया कि वह रो•ा कुत्ते, गाय, बैल, बंदर और असमर्थ इंसानों को खाना देते रहे। उनका प्रयास था कि जब तक लॉकडाउन रहेगा, तब तक यह कार्य प्रतिदिन जारी रहेगा और किया भी उन्होंने। हालांकि उनका पशुओं के प्रति प्रेम शहर के लोग कई वर्षों से देखते चले आ रहे हैं। सागर कहते हैं कि हम सब को मिलकर एक कदम बेजुबानों की ओर बढ़ाना चाहिए और मानवता का परिचय देना चाहिए।

-----

बीबीए की पढ़ाई करने के बाद जागा पशुप्रेम

शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी केदारनाथ गुप्ता के बेटे सागर ने लखनऊ से बीबीए किया है। प्राइमरी स्तर की पढ़ाई सेंट जेवियर स्कूल जोगापुर से करने के बाद एटीएल स्कूल से इंटर तक की पढ़ाई की। बीबीए करने के बाद सागर को खुद के अंदर से पशु प्रेम की प्रेरणा मिली। सागर का कहना है कि जब हमें चोट लगती है तो हम अपनी मरहम पट्टी कर सकते हैं, लेकिन बेजुबानों को जब चोट लगती है तो उनकी सेवा भी होनी चाहिए। मानव तन का कार्य यही है कि हम दूसरों के काम आएं।

chat bot
आपका साथी