ग्रामीणों के लिए जीवन दायनी बना है राजा तालाब

गर्मी शुरू होते ही तालाब व पोखरे सूखने लगते हैं। इससे पशु- पक्षियों के लिए पेयजल का संकट उत्पन्न है जाता है। तब भाटन के पुरवा का राजा तालाब ग्रामीणों के लिए जीवन दायनी बन कर सहारा देता है। पशु-पक्षियों को पानी पीने के साथ विकट गर्मी में पशु पक्षी तालाब में जल क्रीड़ा करते हैं। आधुनिकता के इस दौर में तेजी के साथ जल दोहन किया जा रहा है। घर-घर सबमर्सिबल पंप लग रहे हैं। बरसात के साथ घर का गंदा पानी निरर्थक होता है। जल संचयन न होने से पानी का स्रोत नीचे भाग जाता है। इन सब के बाद भी कुछ लोग जल संचयन के लिए कार्य कर रहे हैं। जो समाज के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 10:14 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 10:14 PM (IST)
ग्रामीणों के लिए जीवन दायनी बना है राजा तालाब
ग्रामीणों के लिए जीवन दायनी बना है राजा तालाब

संवाद सूत्र, संडवा चंद्रिका : गर्मी शुरू होते ही तालाब व पोखरे सूखने लगते हैं। इससे पशु- पक्षियों के लिए पेयजल का संकट उत्पन्न है जाता है। तब भाटन के पुरवा का राजा तालाब ग्रामीणों के लिए जीवन दायनी बन कर सहारा देता है। पशु-पक्षियों को पानी पीने के साथ विकट गर्मी में पशु पक्षी तालाब में जल क्रीड़ा करते हैं। आधुनिकता के इस दौर में तेजी के साथ जल दोहन किया जा रहा है। घर-घर सबमर्सिबल पंप लग रहे हैं। बरसात के साथ घर का गंदा पानी निरर्थक होता है। जल संचयन न होने से पानी का स्रोत नीचे भाग जाता है। इन सब के बाद भी कुछ लोग जल संचयन के लिए कार्य कर रहे हैं। जो समाज के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है।

उमरी के राजा पूर्व में खेतों की सिचाई के साथ पशु पक्षियों को पानी पीने के लिए तालाब की खोदाई करवाए थे। उनके द्वारा क्षेत्र में दर्जनों तालाब खोदवाए गए थे, लेकिन अधिकांश तालाब देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो चुके हैं, लेकिन कुछ तालाबों को मनरेगा योजना में जीर्णोधार कराया गया है। वह आज भी लोगों को लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। भाटन का पुरवा का तालाब करीब ढाई बीघे के रकबे में फैला है। इस तालाब को मनरेगा योजना से सजाया व संवारा है। तालाब का अस्तित्व न मिटने पाए, इसके लिए गांव के लोग जन सहयोग से तालाब की सफाई करने के साथ तालाब में पानी लबालब रहे। इसके लिए पंपिगसेट से तालाब को भरा जाता है। तालाब के आस पास कुंआ व हैंडपंप का पानी जहां शीतल रहता है। वहीं जलस्तर भी दुरुस्त रहता है। तालाब में पशु पक्षियों के साथ जंगली जानवरों की प्यास भी बुझती है।

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गांव के तालाब की पहचान राजा के तालाब के रूप में होती है। इस तालाब में साल भर पानी रहता है। पशु पक्षी तालाब में पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं।

- विवेक तिवारी

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तालाब हमारे जीवन का आधार है। आज जिस तरह से जल दोहन किया जा रहा है। उसमें गांव के किनारे के तालाब जल संचयन में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

- आयुष मिश्रा राजा का तालाब पशु पक्षियों को पानी पीने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा हैं। इस तालाब में बरसात के दिनों में काफी दूर से पानी बह कर आता है।

- निशांत मिश्रा

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जल संचयन में तालाबों का महत्वपूर्ण योगदान है। बरसात के दिनों में गांव का पानी बह कर तालाब में इकठ्ठा होता है, जिससे जल संचयन होने से गांव का जलस्तर बना रहता है।

- स्वामीनाथ मिश्र

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