ट्रेन की चपेट में आने से रेलकर्मी, सफाईकर्मी की मौत
प्रतापगढ़ ट्रेन से की चपेट में आने से दो लोग जान गंवा बैठे। सफाईकर्मी व रेलकर्मी की दर्दना
प्रतापगढ़ : ट्रेन से की चपेट में आने से दो लोग जान गंवा बैठे। सफाईकर्मी व रेलकर्मी की दर्दनाक मौत हो गई। दो परिवारों में दशहरे के एक दिन पहले खुशी की जगह मातम छा गया।
नगर कोतवाली के पूर्वी सहोदरपुर का धर्मेंद्र पाल उर्फ जज्जे पुत्र भुअर 38 साल का था। वह सफाईकर्मी के रूप में ब्लाक संडवा चंद्रिका में तैनात था। गुरुवार को दोपहर घर से निकला और बाजार गया। साथ में उसके दोनों बच्चे भी थे। धर्मेंद्र जब घर लौटने लगा तो अवैध क्रासिग पर मालगाड़ी खड़ी थी। उसके हटने का इंतजार किए बिना वह उसके नीचे से घुसकर ट्रैक पार करना चाहा, लेकिन इसी बीच मालगाड़ी चल पड़ी और उसके दो टुकड़े हो गए। यह देख लोग दौड़े। जीआरपी भी पहुंची। वहां भीड़ लग गई। भीड़ में रहे लोगों ने उसे पहचान लिया व घर वालों को सूचना दी। घर वाले आए तो रोने लगे। इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
संडवा चंद्रिका व जगेशरगंज प्रतिनिधि के अनुसार संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन की चपेट में आने से रेल कर्मी की मौत पर स्वजनों ने हत्या की आशंका जताई है। अंतू थाना क्षेत्र के सेतापुर गांव निवासी राजीव पाल (35) पुत्र शुभम रेलकर्मी था। वह चिलबिला रेलवे स्टेशन पर सिग्नल गनल विभाग में तैनात था। चिलबिला में ही वह अपने परिवार के साथ रहता था। गुरुवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शव अंतू थाना क्षेत्र के जगेशरगंज रेलवे स्टेशन से करीब दो सौ मीटर दूर रेलवे लाइन पर पड़ा मिला। ग्रामीणों ने सुबह शव रेल लाइन पर देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर अंतू व रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची। इस घटना की जानकारी लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए। मौके पर जुटे ग्रामीण ने मृतक की पहचान राजीव पाल के रूप में की। घटना की जानकारी होने पर स्वजन भागकर मौके पर पहुंचे। घटना से स्वजनों में मातम छा गया। स्वजनों ने आशंका जताई है कि यह हादसा नहीं हत्या है। स्वजनों ने पुलिस से घटना की जांच कराने की मांग की है। राजीव की पत्नी और उनके तीन बच्चे रो-रोकर बेहाल है। रेलवे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस संबंध में अंतू एसओ अर्जुन यादव ने बताया कि रेल लाइन पर शव मिलने की सूचना पर पुलिस गई थी। घटना की जांच की जा रही है।
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बच गए बच्चे
सफाईकर्मी धर्मेंद्र के साथ रहे उसके दोनों बच्चे संयोग से ही बच सके। उसने घर की ओर जा रहे एक युवक के साथ दोनों बच्चों रवींद्र व रितिक को कुछ ही मिनट पहले भेजा था। वह भी मालगाड़ी के नीचे से ही पास किए थे। साथ में होते तो शायद वह भी काल के गाल में समा सकते थे।