दुश्वारियों में जिदगी जी रहे हैं पीआरडी के जवान

खाकी वर्दी धारी पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) के जवान दुश्वारियों में जिदगी जा रहे हैं। एक तो मानदेय कम है फिर भी साल में बमुश्किल दो महीने ही ड्यूटी लग पा रही है। खाली रहने पर खेतीबारी और मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 10:48 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 10:48 PM (IST)
दुश्वारियों में जिदगी जी रहे हैं पीआरडी के जवान
दुश्वारियों में जिदगी जी रहे हैं पीआरडी के जवान

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : खाकी वर्दी धारी पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) के जवान दुश्वारियों में जिदगी जा रहे हैं। एक तो मानदेय कम है, फिर भी साल में बमुश्किल दो महीने ही ड्यूटी लग पा रही है। खाली रहने पर खेतीबारी और मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग से जुड़े जिले में कुल 1167 जवान हैं। इनकी ड्यूटी पहले सिर्फ चुनाव व मेला ही लगती थी। वह भी सभी जवानों की ड्यूटी चुनाव व मेला में नहीं लग पाती थी। इससे इन जवानों को परिवार के पालन पोषण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि धीरे-धीरे करीब चार सौ जवानों ने विभाग से दूरी बना ली। इस समय करीब आठ सौ जवान ही सक्रिय हैं, जिसमें 140 महिला हैं।

दो साल पहले तक इन आठ सौ जवानों को भी पूरे साल ड्यूटी नहीं मिल पाती थी, सिर्फ मेला व चुनाव में ही ड्यूटी लगती थी। ऐसे आयोजनों के लिए प्रदेश सरकार इन जवानों को मानदेय देने के लिए विभाग को बजट उपलब्ध कराती थी। वर्ष 2019 से योगी सरकार ने मानदेय के लिए बजट देना शुरू किया है। वर्ष 2019 में 273 जवानों और वर्ष 2020 में 229 जवानों के मानदेय के लिए बजट मिला था।

उपलब्ध बजट से विभाग यह प्रयास करता है कि रोटेशन के आधार पर सभी आठ सौ जवानों को बारी-बारी से कुछ न कुछ दिन की ड्यूटी मिल सके। यानि औसतन छह सौ जवानों की ड्यूटी साल भर नहीं लग पाती है। बमुश्किल एक जवान की ड्यूटी साल में करीब दो महीने ही लग पाती है। एक तो पूरे साल ड्यूटी नहीं मिल पाती है, दूसरा मानदेय भी इतना कम (375 रुपये प्रतिदिन) है कि उससे परिवार का गुजारा कर पाना मुश्किल है।

मानधाता ब्लाक के बछुआ गांव के रहने वाले पीआरडी के जवान कैलाश कुमार पटेल कहते हैं कि मानदेय भी कम है और ड्यूटी भी साल भर नहीं लग पाती है। ऐसे में परिवार का खर्च चलाने के लिए वह खाली दिनों में खेती-बारी करने के साथ सब्जी की दुकान लगाते हैं। बिहार ब्लाक के मंडलभासौ निवासी पीआरडी के जवान विनोद कुमार सरोज का कहना है कि वह 1994 से विभाग से जुड़े हैं। पहले सिर्फ चुनाव व मेला में ड्यूटी लग पाती थी। वर्ष 2019 से अब थानों व ट्रैफिक पुलिस में ड्यूटी लगने लगी है, पर इससे गुजारा संभव नहीं है। खाली समय में खेती-बारी कर लेते हैं। ---

-पीआरडी के जवानों को मानदेय देने के लिए इस बार 229 जवानों के लिए बजट मिला है। पिछले साल 273 जवानों के लिए बजट मिला था। इस समय 800 जवान सक्रिय हैं। रोटेशन के आधार पर सभी जवानों की ड्यूटी लगाने का प्रयास किया जाता है-

अरुण कुमार सिंह, डीओ, पीआरडी

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