टकराहट की आशंका पर भी पुलिस नहीं हुई अलर्ट

प्रतापगढ़ । गरीब कल्याण मेला में कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में टकराहट होने की आशं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:52 PM (IST)
टकराहट की आशंका पर भी पुलिस नहीं हुई अलर्ट
टकराहट की आशंका पर भी पुलिस नहीं हुई अलर्ट

प्रतापगढ़ । गरीब कल्याण मेला में कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में टकराहट होने की आशंका के बाद भी पुलिस अलर्ट नहीं हुई। भारी तादाद में फोर्स लगाने के बजाय सिर्फ सांगीपुर थाने की पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी। यही वजह है कि समर्थकों की भारी भीड़ के आगे पुलिस असहाय दिखी। यही नहीं, सांगीपुर एसओ को कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी व विधायक आराधना मिश्रा की खरी खोटी भी सुननी पड़ी। विधानसभा चुनाव करीब आ गया है, ऐसे में जाहिर सी बात है कि कल्याणकारी योजनाओं का श्रेय लेने में जनप्रतिनिधि पीछे नहीं हटेंगे। इस होड़ में टकराहट होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। वही हुआ शनिवार को सांगीपुर ब्लाक में आयोजित गरीब कल्याण मेले में। सांसद संगमलाल गुप्ता को दोपहर 12 बजे मेले में पहुंचना था, जबकि प्रमोद तिवारी व आराधना मिश्रा को दो बजे। मेले में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ी हुई थी। भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता निर्धारित समय के पहुंचने के बजाय दोपहर दो बजे कार्यक्रम स्थल पर पर पहुंचे, उस समय वहां प्रमोद तिवारी व आराधना मिश्र मौजूद थी। भाजपा कार्यकर्ताओं से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक थी। सांसद के पहुंचते ही दोनों कार्यकर्ताओं में नारेबाजी करने की होड़ लग गई तो ड्यूटी पर रहे सांगीपुर एसओ तुषारदत्त त्यागी स्थिति को काबू करने में खुद को असहाय महसूस करने लगे। वह करते भी क्या, सैकड़ों समर्थकों के आगे दर्जन भर पुलिस कर्मियों से स्थिति को कैसे संभालते। सांगीपुर एसओ ने उदयपुर थाने में बैठे सीओ लालगंज जगमोहन को स्थिति बिगड़ने की जानकारी दी तो वे कुछ देर बाद उदयपुर थाने की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। तब तक जो होना था, हो चुका था। खास बात यह है कि जब इस बात की आशंका थी कि दोनों दलों के नेताओं के आमने-सामने होने पर टकराहट हो सकती है तो ऐसे में पुलिस के अधिकारियों ने सांसद और कांग्रेस नेता से यह बात करने का प्रयास नहीं किया कि दोनों नेता अलग-अलग समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। हालांकि अपनी इस चूक के लिए पुलिस अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। हो कुछ भी, पुलिस के अधिकारियों की चूक ने जिले की राजनीति पर एक और काला धब्बा लगा दिया।

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