जिले में दो दिग्गजों की चलती है सामानांतर सरकार
प्रतापगढ़। सूबे में चाहे जिस पार्टी की सरकार हो जिले में दो सियासी दिग्गजों की सामानांतर सर
प्रतापगढ़। सूबे में चाहे जिस पार्टी की सरकार हो, जिले में दो सियासी दिग्गजों की सामानांतर सरकार चलती है। सियासी दिग्गज प्रमोद तिवारी और रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के आगे सत्तारुढ़ दल के नेता एक कदम भी नहीं टिक पाते हैं। यह उनका अपना सियासी आभा मंडल है, जो राजनीति में कदम रखने के बाद दोनों दिग्गजों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कभी आंवले से जिले की पहचान पूरे देश में थी, अब पिछले दो दशक से इस जिले की पहचान सियासत से हो गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी हैं कि इन्होंने जब से राजनीति में कदम रखा, फिर उन्हें शिकस्त देने वाला कोई सियासतबाज नहीं दिखा। ये राजनीति के इतने माहिर खिलाड़ी हैं कि सूबे में चाहे जिस पार्टी की सरकार हो, जिले में इन्ही की ही चलती है। तीन दशक से अधिक समय से कांग्रेस सूबे में सत्ता से बाहर है, लेकिन प्रमोद तिवारी की सत्ता बरकरार है। कुछ यही हाल है कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का। वर्ष 1993 में इन्होंने राजनीति में कदम रखा तो फिर इनकी सत्ता और मजबूत होती चली गई। खुद तो छठवीं बार वर्ष 2017 में रिकार्ड मतों से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक निर्वाचित हुए। यही नहीं, वर्ष 1996 से लगातार पांच बार से इनके करीबी बाबागंज सीट (पहले बिहार) से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। राजा भैया के सियासी कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। अब अपना राजनीतिक दल (जनसत्ता दल लोकतांत्रिक) भी इन्होंने बना लिया है। एक समय था कि प्रमोद तिवारी और राजा भैया एक दूसरे के धुर विरोधी थे। आज स्थिति यह है कि दोनों दिग्गजों में गलबहियां हो गई है। जुलाई में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में तो राजा भैया की प्रत्याशी माधुरी पटेल को कांग्रेस ने खुला समर्थन दिया था।