डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था से जुड़ेंगी एक हजार राशन की दुकानें
खाद्य विभाग के ठेकेदारों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शासन डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था की शुरुआत करने जा रहा है। एक हजार से अधिक राशन की दुकानों को इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा।
प्रतापगढ़। खाद्य विभाग के ठेकेदारों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शासन डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था की शुरुआत करने जा रहा है। एक हजार से अधिक राशन की दुकानों को इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। संबंधित ब्लाक के विपणन गोदाम से राशन से लदा ट्रक सीधे कोटेदार के यहां पहुंचेगा। इन वाहनों का रूट चार्ट बनेगा। अगर उस रूट के अलावा दूसरे रूट से वाहन गुजरेंगे तो विभाग संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी करेगा। जवाब से संतुष्ट न होने पर उनकी फर्म ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। जिले स्तर के अलावा इसकी सीधे मॉनीटरिग शासन में बैठे अफसर करेंगे।
जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, मानधाता, गौरा, बिहार सहित अन्य ब्लाक हैं। राशन के उठान में पारदर्शिता लाने के लिए शासन ने डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था शुरू करने की तैयारी में है। हालांकि पहला प्रयोग बाबा बेलखरनाथ ब्लाक के विपणन गोदाम से शुरू हो गया है। यह प्रयोग जब सफल हुआ तो बाकी के बचे ब्लाकों में सह व्यवस्था शुरू होने जा रही है। गांव के सरकारी राशन की दुकान का चार्ट बनेगा। उसे सिस्टम में अपलोड किया जाएगा। विपणन गोदाम से रूट वार निकलने वाले ट्रक की लोकेशन भी अफसरों व कोटेदारों को मिलती रहेगी। इस सुविधा के लिए राशन ढोने वाले सभी ट्रकों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम) भी लगाया जाएगा, ताकि ट्रक की लोकेशन मिलती रहे।
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कोटेदार कर रहे एप डाउनलोड
डोर स्टेप डिलीवरी के तहत सभी कोटेदारों को पूर्ति निरीक्षक ने एप डाउनलोड करने को कहा है। एप में कोटेदार को अपना नाम, गांव का नाम सम्मिट करना है। इसके बाद वह राशन के उठान से लेकर दुकान तक आने की पूरी जानकारी उनको मिलती रहेगी। राशन के उठान में पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है।
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पांच नवंबर से शुरू होगी व्यवस्था
डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था पांस नवंबर से शुरू होगी। इसे लेकर पूरी तैयारी जोरों से चल रही है। इसमें पूर्ति निरीक्षकों से भी सहयोग मांगा गया है।
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फोटो : 12 पीआरटी 02
नवंबर माह से डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इससे गोदाम पर राशन की घटतौली की शिकायतें नहीं आएंगी। इस प्रयोग से राशन के उठान में पारदर्शिता आएगी।
-अजीत त्रिपाठी, डिप्टी आरएमओ