एक हजार फाइल लंबित, कैसे मिले छह लाख

प्रतापगढ़ गांव की गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको स्वयं सहायता समूह से जोड़

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:41 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:41 PM (IST)
एक हजार फाइल लंबित, कैसे मिले छह लाख
एक हजार फाइल लंबित, कैसे मिले छह लाख

प्रतापगढ़ : गांव की गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जा रहा है। एक ओर जहां उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि दी जा रही है, वहीं बैंकों से समूहों को कैश क्रेडिट लिमिट के तहत पैसा न मिलने से महिलाएं कोई कारोबार शुरू नहीं कर पा रहीं हैं।

जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत पांच हजार 200 समूह हैं। यह सभी सक्रिय समूह हैं। इसमें 62 हजार 400 महिलाएं जुड़ी हैं। बैंकों में एक हजार 26 पत्रावली सीसीएल के लिए भेजी गई है। इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा को 109, बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, केनरा बैंक में आठ, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में पांच, इंडियन बैंक में 30, पंजाब नेशनल बैंक में 44, भारतीय स्टेट बैंक में 74 सहित अन्य बैंकों को पत्रावली भेजी गई है। इसके सापेक्ष अभी तक केवल 14 पत्रावली पर ऋण स्वीकृत हुआ है। अभी भी एक हजार दो पत्रावली लंबित पड़ी है। वहीं पत्रावली अधूरी रहने पर 10 फाइल वापस भेज दिया गया है। सवाल यह है कि जब महिलाओं को बैंक प्रबंधन ऋण नहीं देगा तो वह कैसे आत्मनिर्भर बन पाएंगी। हालांकि सीसीएल को लेकर सीडीओ बैंक प्रबंधकों पर सख्त हो गए हैं। बैठक भी जल्द होगी। जिला मिशन प्रबंधक रतन कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंकों से समूहों को सीसीएल के तहत पैसा नहीं मिल पा रहा है। काफी संख्या में पत्रावली लंबित है। बैंक प्रबंधन से बात की जा रही है।

- अफसरों ने लगाई है रोक

बड़े पैमाने पर सीसीएल के तहत बैंक से ऋण न दिए जाने की मुख्य वजह यह सामने आ रही है कि कोरोना के चलते बैंक के नए खाते खोलने व ऋण देने पर शीर्ष अफसरों ने रोक लगाई है। यह रोक पिछले दो माह पहले से लगी है। यहीं वजह है कि समूह को सीसीएल नहीं मिल पा रहा है। बैंक प्रबंधनों का दावा है कि अगस्त माह से यह रोक हट जाएगी। ऐसा एनआरएलएम विभाग के अफसरों का कहना है।

- ब्याज में पांच प्रतिशत की छूट

सीसीएल के तहत ऋण का पैसा समय से वापस करने पर समूह को बैंक के ब्याज में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। खास बात यह है पैसा किश्त के रूप में जमा होगा। इसमें एक साल से लेकर तीन से चार साल तक का समय पैसा जमा करने के लिए दिया जाएगा।

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