प्रतापगढ़ में आधार नंबर से गड़बड़ी पकड़ में आने पर एक हजार आवेदन हुए निरस्त
केंद्र सरकार की वेबसाइट पर जब आधार नंबर जॉब कार्ड नंबर व खाता नंबर का मिलान हुआ तो आधार लिकेज से यह मनमानी पकड़ में आई। ऐसे लोगों के नाम वहीं से निरस्त कर दिये गए।
प्रतापगढ़, जेएनएन। शासन की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ भले ही अधिकांश पात्र लोगों को एक बार मिल चुका है। इसके बावजूद उन्हीं पात्रों में से कइयों ने दोबारा लाभ लेने के लिए आवास प्लस योजना में अपनी फीडिग करा ली। केंद्र सरकार की वेबसाइट पर जब आधार नंबर, जॉब कार्ड नंबर व खाता नंबर का मिलान हुआ तो आधार लिकेज से यह मनमानी पकड़ में आई। ऐसे लोगों के नाम वहीं से निरस्त कर दिये गए।
आवास प्लस योजना में वैसे तो दो लाख 32 हजार 253 लोगों ने आवास का लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराया था। जब प्राथमिक स्तर पर सचिवों द्वारा इसकी जांच की गई तो एक लाख तीन हजार 896 लोग अपात्र मिले। ऐसे में उनका पंजीकरण जिला मुख्यालय स्तर पर ही निरस्त कर दिया गया। इतनी सावधानी के बावजूद गांवों के सचिवों के स्तर से की गई लापरवाही के कारण एक हजार 409 लोग बच ही गए। इनका नाम पात्रता सूची से नहीं निकल पाया। जब भारत सरकार की वेबसाइट पर इसकी जांच हुई, तब यह पता चला कि कई परिवार के सदस्यों को पहले ही आवास मिल चुका है. इनकी तरफ से दोबारा लाभ लेने का प्रयास किया गया है। ऐसे में दोबारा लाभ लेने के लिए किए गए पंजीकरण निरस्त कर दिये गए। सबसे अधिक निरस्तीकरण की कार्रवाई कुंडा ब्लाक में हुई है। यहां पर 727, बाबागंज में 140, बिहार में 102 व सांगीपुर में 89 पंजीकरण निरस्त हुए हैं। वहीं आसपुर देवसरा में 46, बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक में 45, गौरा में आठ, कालाकांकर में 38, लक्ष्मणपुर में सात, लालगंज में 11, मंगरौरा में 31, मानधाता में 22, पट्टी में 59, सदर में नौ, रामपुर संग्रामगढ़ में 20, संड़वा चंद्रिका में 89 व शिवगढ़ में 14 पंजीकरण निरस्त हुए हैं। ऐसे में अब उनको आवास का दोबारा लाभ नहीं मिलेगा। एक परिवार को केवल एक बार ही आवास की सुविधा दिए जाने का प्रावधान है।
---
आवास पाने को अलग से बनवा लिया जॉब कार्ड
पहले जॉब कार्ड में एक ही परिवार के कई लोगों का नाम शामिल किया गया था। उसमें सभी सदस्यों का नाम, आधार नंबर व बैंक का खाता नंबर दर्ज था। जब आवास प्लस में फीडिग शुरू हुई तो जॉब कार्ड में शामिल परिवार के कई सदस्यों ने आवास पाने की लालच में प्रधान से मिलकर अलग से जॉब कार्ड बनवा लिया। जबकि पहले के जॉब कार्डधारकों के परिवार के एक सदस्य को आवास का लाभ मिला था। दोबारा पाने के लिए परिवार के सदस्यों को अलग कर दिया गया। हालांकि वेब साइट पर आधार नंबर, खाता नंबर व जॉब कार्ड नंबर के मिलान में यह मनमानी पकड़ ली गई।
-----
फोटो : 13 पीआरटी 02
भारत सरकार की वेबसाइट पर पंजीकरण कराने वालों का आधार नंबर, जॉब कार्ड नंबर व खाता संख्या का विवरण मिलान होने पर स्वत: निरस्त हो गया। जिले के सभी 124ॅ1 ग्राम पंचायतों के सचिवों को चेतावनी दी गई है कि अगर किसी पात्र को छोड़कर अपात्र को आवास का लाभ दिया गया तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
-डा. आरसी शर्मा, परियोजना निदेशक (डीआरडीए)