शहर में डेढ़ दर्जन खंभे जर्जर, डिमांड फाइल में दबी
शहर में बिजली की लाइनों के डेढ़ दर्जन खंभे पुराने होकर जर्जर हो गए हैं। इनमें से पांच वाहनों के धक्के से टेढ़े हो गए हैं बाकी बेस से सड़ गए हैं। उनको जोड़ लगाकर विभाग चला रहा है। यही वजह है कि जब आंधी चलती है तो हवा के झोंके यह खंभे नहीं झेल पाते। बिजली की लाइन सहित यह गिर जाते हैं। यह खंभे बाबागंज चौक श्याम बिहारी गली चिलबिला महुली दहिलामऊ मीरा भवन में हैं। इनको बदलने के लिए विभाग की कोशिश विभाग में ही अनसुनी होकर रह गई है। स्टोर में खंभे न होने से समस्या है। पिछले वित्तीय वर्ष में शहर क्षेत्र के 1
जासं, प्रतापगढ़ : शहर में बिजली व्यवस्था को सही रखने के संसाधन के लिए विभाग में भारी कमी है। यहां तक कि जर्जर होने वाले खंभे तक वह नहीं बदल पा रहा है। इससे उन स्थानों पर खतरा बना हुआ है।
शहर में बिजली की लाइनों के डेढ़ दर्जन खंभे पुराने होकर जर्जर हो गए हैं। इनमें से पांच वाहनों के धक्के से टेढ़े हो गए हैं, बाकी बेस से सड़ गए हैं। उनको जोड़ लगाकर विभाग चला रहा है। यही वजह है कि जब आंधी चलती है तो हवा के झोंके यह खंभे नहीं झेल पाते। बिजली की लाइन सहित यह गिर जाते हैं। यह खंभे बाबागंज, चौक, श्याम बिहारी गली, चिलबिला, महुली, दहिलामऊ, मीरा भवन में हैं। इनको बदलने के लिए विभाग की कोशिश विभाग में ही अनसुनी होकर रह गई है। स्टोर में खंभे न होने से समस्या है। पिछले वित्तीय वर्ष में शहर क्षेत्र के 18 जर्जर खंभों को बदलने के लिए भेजा गया प्रस्ताव आला अफसरों ने फाइल में दबा रखा है। इधर जब दशहरा नजदीक आने को हुआ तो विभाग ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए कहीं से निकाले गए पुराने पोल की मरम्मत कराकर मंगाया। इसके बाद इनको बाबागंज में तहसील के सामने, चौक व ठठेरी बाजार में बदला गया। बाकी उसी तरह पड़े हैं। यही नहीं शहर क्षेत्र में अगर कोई खंभा टूट जाए, पेड़ उस पर गिर जाए तो उसे बनाने, दूसरा पोल लगाने को विभाग के पास न तो ठेकेदार हैं न ही उपकरण। इसकी वजह यह है कि साल भी से टेंडर ही नहीं हो पा रहा है। जब कोई पोल टूटता है तो इमरजेंसी कोटे से किसी तरह काम चलाया जाता है। इस बारे में अधिशाषी अभियंता चंद्रमा प्रसाद का कहना है कि जर्जर खंभे बदलने का प्रोजेक्ट विचाराधीन है। कुछ ही दिन में इस पर मंजूरी मिल जाने की आशा है। इसके बाद जर्जर खंभे बदले जाएंगे।