आधुनिकीकरण करने को तोड़ा गया पुराना सीएमओ कार्यालय

राजकीय मेडिकल कालेज प्रोजेक्ट के तहत जिला अस्पताल के कायाकल्प का कार्य शुरू होने वाला है। इसके लिए पुराने भवनों को तोड़ा जा रहा है। कभी अस्पताल की पहचान के रूप में दिखने वाले पुराने सीएमओ कार्यालय को तोड़ दिया गया है। अब इतनी जगह खाली हो गई है कि नया सीएमओ कार्यालय दूर से ही नजर आने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 10:40 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 10:40 PM (IST)
आधुनिकीकरण करने को तोड़ा गया पुराना सीएमओ कार्यालय
आधुनिकीकरण करने को तोड़ा गया पुराना सीएमओ कार्यालय

जासं, प्रतापगढ़ : राजकीय मेडिकल कालेज प्रोजेक्ट के तहत जिला अस्पताल के कायाकल्प का कार्य शुरू होने वाला है। इसके लिए पुराने भवनों को तोड़ा जा रहा है। कभी अस्पताल की पहचान के रूप में दिखने वाले पुराने सीएमओ कार्यालय को तोड़ दिया गया है। अब इतनी जगह खाली हो गई है कि नया सीएमओ कार्यालय दूर से ही नजर आने लगा है। डायलिसिस यूनिट के बगल स्थित पुराने कार्यालय में कभी सभी चिकित्सा अफसर बैठा करते थे। इसमें ही पल्स पोलियो का मेन कोल्ड चेन सेंटर भी बना था। ध्वस्तीकरण में इसे टुकड़ों में गिरा दिया गया है। अन्य भवन भी तोड़े जा चुके हैं। मलबा भी हट रहा है। अगले महीने नए छह मंजिला भवन की नींव भरी जानी है। इसके लिए पानी की कमी न पड़े, ऐसा सोचकर नए सबमर्सिबल पंप की बोरिग भी कराई जा चुकी है।

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सुलभ शौचालय बना बाधक

जिला अस्पताल के गेट के बगल पुराना सुलभ शौचालय अब तक नहीं टूट सका है। इसे चलाने वाली एजेंसी ने लोगों की असुविधा का हवाला देकर नया बनने के बाद ही इसे तोड़े जाने का अनुरोध पत्र प्रशासन को दिया है। उसकी जांच की जा रही है। इस वजह से इसकी केवल बाउंड्री ही कुछ दूर तक तोड़ी जा सकी है। परिसर में आधुनिक सुविधा व मानक के आधार पर नए दो मंजिला शौचालय का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

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परिसर बना अवैध पार्किंग

जिला अस्पताल परिसर में पुराने भवन गिराने से काफी जगह खाली हो गई है। रास्ता भी पीछे से खोला गया है, ताकि निर्माण सामग्री आने में दिक्कत न हो। इसका फायदा उठाकर लोगों ने यहां पर अवैध पार्किंग बना ली है। पचासों वाहन यहां पर सुबह से शाम व रात तक खड़े रहते हैं। शहर में पाकिँग का इंतजाम न होने से लोग बाजार आते हैं तो अपने वाहन यहां बिना किसी रोकटोक व शुल्क के खड़े कर देते हैं। इससे मरीजों के वाहन व एंबुलेंस को आने में बाधा पड़ती है।

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पुराने भवनों का ध्वस्तीकरण हो गया है। अब परिसर में नया काम शुरू हो सकता है। अब एजेंसी को शुरुआत करनी चाहिए।

डॉ. पीपी पांडेय, सीएमएस

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