विकास के नाम पर विनाश को रोकने की जरूरत : जल पुरुष

जब तक गांव का युवा अपने गांव में रुक कर गांव को सुंदर बनाने के बारे में नहीं सोचेगा तब तक गांव का विकास नहीं हो सकता। गांव के युवाओं में जब ज्ञान बढ़ेगा तो विश्वास भी पैदा होगा और जब विश्वास बढ़ेगा तो वह गांव को सुंदर व विकसित बनाने में अपना योगदान जरूर देगा। उक्त बातें विकास खंड कुंडा के आदर्श गांव शहाबपुर के पंचायत सभागार में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि गांव का गंदा पानी एक तरफ और बारिश का पानी एक तरफ होना चाहिए। क्योंकि बारिश का पानी शुद्ध होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:50 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:50 PM (IST)
विकास के नाम पर विनाश को रोकने की जरूरत : जल पुरुष
विकास के नाम पर विनाश को रोकने की जरूरत : जल पुरुष

संसू, गोतनी: जब तक गांव का युवा अपने गांव में रुक कर गांव को सुंदर बनाने के बारे में नहीं सोचेगा, तब तक गांव का विकास नहीं हो सकता। गांव के युवाओं में जब ज्ञान बढ़ेगा तो विश्वास भी पैदा होगा और जब विश्वास बढ़ेगा तो वह गांव को सुंदर व विकसित बनाने में अपना योगदान जरूर देगा। उक्त बातें विकास खंड कुंडा के आदर्श गांव शहाबपुर के पंचायत सभागार में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि गांव का गंदा पानी एक तरफ और बारिश का पानी एक तरफ होना चाहिए। क्योंकि बारिश का पानी शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि राज और समाज एक साथ मिलकर कार्य करेंगे, तो एक अच्छे वातावरण का निर्माण हो सकता है। अपने अनुभवों और प्रयोगों को साझा करते हुए बहुत सारे महत्वपूर्ण सुझाव दिए। श्री सिंह ने विकास के नाम पर हो रहे विनाश की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया। उसे रोकने को उपायों को विस्तार से बताया। सच्चा सनातन विकास की परिभाषा समझाते हुए कहा कि जिसमें प्रकृति और मानव दोनों का पुनर्जन्म होता हो, जो कभी मरता ना हो, जिसका कभी अंत ना हो। धरती के पेट में पानी लाना हमारी प्राथमिकता है, जो सबके सहभागिता व सहयोग से ही संभव है। उन्होंने बताया कि समय रहते अगर हम सावधान नहीं हुए तो 2040 तक धरती से पीने योग्य पानी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर घर में नल जल लगा रही है, पर जल ही नहीं रहेगा तो नल में पानी कहां से आएगा। तीसरी सरकार अभियान के संयोजक डा. चंद्रशेखर प्राण ने कहा कि संविधान में 73 वें संशोधन से व्यवस्था की गई थी कि तीसरी सरकार के रुप में पंचायती राज होगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि पंच या पार्षद को यह ही पता नहीं होता है कि उसका अधिकार क्या है। वह केवल चुनाव जीत कर हस्ताक्षर करने का काम करता है। ग्राम सभा केवल खानापूर्ति होती है, सारे फैसले ग्राम प्रधान या सरपंच लेता है। इसमें सरकारी प्रतिनिधि के रुप में सचिव भी शामिल रहता है, यानी कुल दो व्यक्ति तीसरी सरकार चलाते हैं। इसके लिए जन जागरण जरुरी है। वसुंधरा संस्था के अध्यक्ष निवर्तमान प्रधान राजेश प्रभाकर सिंह ने बताया कि जलपुरुष डॉ राजेन्द्र सिंह जल संरक्षण के भागीरथ हैं, जिन्हें राजस्थान में पानी का भगवान कहा जाता है। उन्होंने बताया कि डॉ राजेंद्र ने 60 हजार तालाब का निर्माण,11 हजार 8 सौ डैम, ढाई लाख कुंआ की सफाई तथा 12 सूखी नदियों में जल लाने का काम किया है। इस दौरान विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। इस मौके पर ग्राम पंचायत अधिकारी शेषांक कुमार, वसुंधरा सिंह, अखिलेश यादव बड़कू, प्रदीप कुमार, हर्ष सिंह, जित्तू शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।

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इनसेट.

आईसीयू में पहुंच चुकी है गंगा

नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर टिप्पणी करते हुए जल पुरूष राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा जैसी पवित्र नदी वर्तमान में आईसीयू में पहुंच चुकी है। जरूरत उसके प्रदूषण को कम करने और प्रवाह की रुकावटों को दूर करने की है। मगर अब घाट बनाने और बड़े निर्माण करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। यानी आईसीयू में पहुंच चुकी गंगा का गलत और महंगा इलाज हो रहा है। ऐसे में वो कैसे ठीक होगी। उन्होंने नदियों में जाने वाले गंदे पानी पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की।

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