घर में ऊब रहे बच्चों का सहारा बना मोहल्ला क्लास

जासं प्रतापगढ़ जिले भर के परिषदीय स्कूलों के माध्यम से मोहल्ला कक्षाएं चलाई जा रही हैं। यह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:00 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:00 PM (IST)
घर में ऊब रहे बच्चों का सहारा बना मोहल्ला क्लास
घर में ऊब रहे बच्चों का सहारा बना मोहल्ला क्लास

जासं, प्रतापगढ़ : जिले भर के परिषदीय स्कूलों के माध्यम से मोहल्ला कक्षाएं चलाई जा रही हैं। यह घर में ऊब रहे बच्चों के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है। मोहल्ला कक्षा के जरिए नौनिहालों को घर बैठे शिक्षा मिल रही है। स्कूलों में प्रेरणा साथी का गठन करके मोहल्ला कक्षाएं चलाई जा रही हैं। समय-समय पर इसकी मानीटरिग डायट के उप शिक्षा निदेशक, बीएसए, एआरपी व एसआरजी द्वारा की जा रही है।

वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट काल में स्कूल से वंचित नौनिहालों के लिए मोहल्ला क्लास इन दिनों अध्यापकों व प्रेरणा साथी द्वारा चलाया जा रहा है। नौनिहालों के लिए यह काफी कारगर साबित हो रहा है। महामारी के संकट में सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था तो की, लेकिन गांवों में अधिकांश बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है। इसलिए मोहल्ला क्लास के जरिए इन्हें शिक्षा दी जा रही है। ग्रामीण स्तर पर मोहल्ला पाठशाला के लिए ग्राम प्रधानों की मदद ली जा रही है। बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि गांव में मोहल्ला पाठशाला के लिए खुली जगह का चयन करके बच्चों को शारीरिक दूरी के अनुसार बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।

जगेशरगंज प्रतिनिधि के अनुसार उच्च प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय आशापुर भाटन में नौनिहाल शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पठन-पाठन कर रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक शिरातुन निशा और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक भोलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मोहल्ला क्लास में अभिभावकों और युवाओं का भी शिक्षकों को सहयोग मिल रहा है।।गांवों में खुली जगह पर मोहल्ला पाठशाला लगाई जा रही है। विद्यालय कोरोना कारण से बंद हैं। गांव के गरीब छात्रों को पठन-पाठन से जोड़ने के लिए मोहल्ला पाठशाला शुरू की गई है। मोहल्ला पाठशाला खुली जगह में आयोजित करने पर बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। बीईओ रिफत मालिक का कहना है कि स्कूल खुलने तक बच्चों को मोहल्ला पाठशाला के जरिए शिक्षा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। ऐसा इस लिए किया जा रहा है कि उनकी पढ़ाई पिछड़ने न पाए और बच्चे पढ़ाई-लिखाई न भूलें।

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