सुविधा के नाम पर लाखों खर्च, संसाधन बने शोपीस

प्रतापगढ़। शहर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज के पुरुष अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लाखो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:41 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:41 PM (IST)
सुविधा के नाम पर लाखों खर्च, संसाधन बने शोपीस
सुविधा के नाम पर लाखों खर्च, संसाधन बने शोपीस

प्रतापगढ़। शहर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज के पुरुष अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च करके लगाए गए संसाधन बेकार हो गए हैं। जरूरी उपकरण बेकार पड़े हैं। उन पर धूल जमी है।

मरीजों की सुविधा के लिए पर्चा काउंटर के सामने बरामदे में टीवी लगाया गया था। इसे महीनों से किसी ने चालू हालत में नहीं देखा। यह बंद पड़ा है। जबकि इसकी मरम्मत के नाम पर पैसे खर्च हो चुके हैं। इसके साथ ही एनाउंस करने व लोगों को कोरोना जैसे संक्रमण से बचने को जागरूकता संदेश देने को लगाया गया साउंड सिस्टम मौन हो गया है। इसे तत्कालीन सीएमएस डा. पीपी पांडेय ने लगवाया था। इस पर हमेशा जागरूकता के गीत बजते रहते थे। लोगों को कोरोना काल में संभलकर रहने को कहा जा रहा था। पर्चा काउंटर के पास बनी हेल्प डेस्क में अक्सर ही ताला लटकता रहता है। कई बेड व स्ट्रेचर भी टूटे पड़े हैं। इससे जहां मरीजों को असुविधा हो रही है, वहीं अस्पताल पर नजर पड़ने पर अफसोस भी होता है। इस बारे में सीएमएस डा. सुरेश सिंह का कहना है कि मेडिकल कालेज का वर्क चल रहा है। इस वजह से सब अस्त-व्यस्त हो गया है।जल्दी ही मरम्मत कराई जाएगी। 91 हजार का भुगतान, शौचालय अधूरा मिलने पर नोटिस : ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने में सचिव लापरवाही बरत रहे हैं। जबकि भुगतान फर्म पर हो चुका है। इस तरह की गड़बड़ी मिलने पर ब्लाक के बीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट डीपीआरओ समेत अफसरों को भेजी है।

बाबागंज ब्लाक के मुरैली मखदूमपुर में ग्राम विकास अधिकारी नरेश कुमार यादव की तैनाती है। इसी तरह से ग्राम विकास अधिकारी विवेक प्रकाश कौलिक का चौरंग व कुलदीप त्रिपाठी की तैनाती नेवादाखुर्द गांव में है। इन गांवों के सामुदयिक शौचालयों का हाल बेहाल है। किसी में अभी तक सबमर्सिबल पंप नहीं लगाया गया है तो वहीं पानी की टोटी का अभाव है। फर्श भी अधूरी पड़ी है। बीडीओ संतोष कुमार यादव ने जाकर इसकी जांच की। जांच में पता चला कि 27 हजार रुपये के हिसाब से फर्म को 91 हजार रुपये का भुगतान किया गया है, लेकिन शौचालय अधूरा पड़ा है। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि नोटिस का जवाब न देने पर उनके विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी