छह माह छोड़िए.. तीन साल बाद नहीं लगा उद्योग

शहर से महज सात किमी की दूरी पर औद्योगिक क्षेत्र सुखपाल नगर है। यहां पर उद्योग लगाने के लिए आवंटियों ने प्लाट का आवंटन तो करा लिया लेकिन तीन साल बाद भी उद्योग नहीं लगाया। नियम है कि छह माह के भीतर प्लाट पर उद्योग नहीं लगा तो आवंटन निरस्त कर देना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:22 PM (IST)
छह माह छोड़िए.. तीन साल बाद नहीं लगा उद्योग
छह माह छोड़िए.. तीन साल बाद नहीं लगा उद्योग

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : शहर से महज सात किमी की दूरी पर औद्योगिक क्षेत्र सुखपाल नगर है। यहां पर उद्योग लगाने के लिए आवंटियों ने प्लाट का आवंटन तो करा लिया, लेकिन तीन साल बाद भी उद्योग नहीं लगाया। नियम है कि छह माह के भीतर प्लाट पर उद्योग नहीं लगा तो आवंटन निरस्त कर देना चाहिए।

औद्योगिक क्षेत्र सुखपाल नगर 14.19 एकड़ में है। यहां पर कुल 39 भूखंड है। सभी भूखंड का आवंटन हुआ है। यहां में कई उद्यमियों ने आंवला, दवा, चप्पल, स्टील वर्क आदि का उद्योग लगाए हैं। वहीं यहां पर आधा दर्जन से अधिक आवंटियों ने छह माह का समय मांगते हुए उद्योग लगाने को कहा था, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी उद्योग नहीं लगाया। हैरानी की बात यह है कि छह माह में उद्योग न लगाने पर आवंटन अभी तक निरस्त नहीं किया गया। उद्योग विभाग की लापरवाही से काफी नुकसान हो रहा है। जिम्मेदार अफसर भी इस ओर उदासीन बने हुए हैं।

बैठक में नहीं उठा मुद्दा

मुद्दा जिला उद्योग बंधु की बैठक में नहीं उठाया गया। फजीहत बचाने के लिए इस मामले को दबाए रखा गया। जबकि बैठक में उठाना चाहिए। इसके बाद आवंटन निरस्त करने का फैसला तत्काल लेना चाहिए था। ऊंची रसूख वाले हैं उद्यमी

सूत्रों के हवाले से कई आवंटी ऊंची रसूख वालों पर कार्रवाई से महकमा कतरा रहा है। अफसर आवंटन निरस्त करने की तैयारी करने लगे तो सफेदपोश दबाव बनाने लगे। कार्रवाई की डर से आवंटन निरस्त नहीं किए। संसाधन की दरकार

कहने को सुखपाल नगर औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन क्षेत्र में सड़क, पानी, सुरक्षा आदि के इंतजाम नहीं हैं। साफ-सफाई कभी कभार होती है। संसाधन के अभाव में भी लोग उद्योग लगाने से कतरा रहे हैं। आधा दर्जन आवंटियों ने भूखंड पर उद्योग नहीं लगाया है। छह माह के भीतर उद्योग न लगाए जाने पर आवंटन निरस्त किए जाने का प्राविधान है। जल्द ही आवंटन निरस्त किया जाएगा।

- दिनेश कुमार चौरसिया, उपायुक्त

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