बर्खास्त होगा कातिल राजेश

प्रतापगढ़ शिक्षक नेता शोभनाथ मिश्र की हत्या में मृत्युदंड की सजा पाने वाला शिक्षक राजेश सिंह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:32 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:32 PM (IST)
बर्खास्त होगा कातिल राजेश
बर्खास्त होगा कातिल राजेश

प्रतापगढ़ : शिक्षक नेता शोभनाथ मिश्र की हत्या में मृत्युदंड की सजा पाने वाला शिक्षक राजेश सिंह बर्खास्त होगा। जब हत्या में उसके खिलाफ मुकदमा हुआ था व वह जेल गया था विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया था। अब सजा सुनाए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की तैयारी है। प्रभारी बीएसए सुधीर सिंह ने बताया कि सजा की जानकारी मिली है। इस बारे में शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट भेजी जा रही है। बर्खास्त करने की कार्रवाई वहां से होगी।

गांव के साथ क्षेत्र में फैलाया था शिक्षा का उजियारा :

शोभ नाथ ने गांव के साथ संडवा चंद्रिका क्षेत्र में शिक्षा का उजियारा फैलाया था। जिले में नए प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खोले जाने की सूची जब आती थी तो संडवा चंडिका क्षेत्र में जनपद के अन्य विकास खंडों के अपेक्षा अधिक विद्यालय खोले जाने की सौगात मिलती थी। अंतू थाना क्षेत्र के उमरी गांव के मूल निवासी रहे शोभनाथ मिश्र के मामले में फैसला आने के बाद यह घटना शिक्षकों के साथ लोगों के बीच फिर ताजी हो गई। वह दो भाइयों में छोटे थे।

गम न सह सके थे भाई :

शोभनाथ की हत्या के बाद उनके बड़े भाई राजेंद्र प्रसाद मिश्र की तबीयत खराब हो गई। बहुत उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो सके थे। छोटे भाई के गम में पांच साल बाद उनकी भी मौत हो गई। इसके बाद परिवार में कोई बुजुर्ग नहीं बचा। शोभनाथ बहुत सरल, सहज व सहयोगी स्वभाव के थे। गरीब की बेटी के हाथ पीले करने में मदद करते थे।

बीस साल रहे अध्यक्ष :

शिक्षक हित में अधिकारियों से भिड़ने में देर नहीं करते थे। शिक्षक अपनी समस्या को उनसे बताकर बेफिक्र हो जाते थे। उसके बाद उस समस्या के निदान के जिम्मेदारी शिक्षक संघ के अध्यक्ष की होती थी। शिक्षकों के सर्वमान्य नेता के कारण वह 20 वर्षों तक शिक्षकों के नेता के रूप में अध्यक्ष पद पर बने रहे।

छोटे भाई जैसा था राजेश से संबंध :

शोभ नाथ की हत्या के आरोपित शिक्षक राजेश सिंह के बीच छोटे व बड़े भाई जैसा संबंध था। शिक्षक का शोभनाथ के घर बराबर आना जाना रहता था। जब राजेश पर कोई विभागीय व अन्य प्रशासनिक कार्यवाही होती थी तो शिक्षक संघ के अध्यक्ष के रूप में वह मदद करते थे। इसके बाद भी राजेश ने उन पर गोली चला दी। इस बात का मलाल मिश्र के परिवार को हमेशा रहा। अध्यक्ष की दिनचर्या के परिचित होने से राजेश को उनको मौत के घाट उतारने में देर नहीं लगी।

विभाग के थे हमदर्द :

जब भी शासन व अधिकारी की टीम जिले की बेसिक शिक्षा का निरीक्षण करने आती थी, तब वह बीएसए के बचाव में उनके साथ खड़े मिलते थे। शिक्षक नेता के इसी स्वभाव के चलते जनपद में तैनात रहे बीएसए उनके कायल हुआ करते थे। 2003 में संडवा चंद्रिका के जोगीपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री रहीं मायावती के निरीक्षण का कार्यक्रम लगा था, तो बीएसए रहे अशोक नाथ तिवारी को गांव में ही दो रात गुजारनी पडी थी। तब शिक्षक नेता अपने सैकड़ों शिक्षक साथियों के साथ बीएसए के साथ गांव में ही रुककर विद्यालय का कायाकल्प करने में सहयोग किया था।

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