खुशहालेश्वर नाथ मंदिर

जिले के मानधाता क्षेत्र के विश्वनाथगंज में जहां शनिदेव मंदिर है वहीं खुशहालगंज पनियारी में ख

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:50 PM (IST)
खुशहालेश्वर नाथ मंदिर
खुशहालेश्वर नाथ मंदिर

जिले के मानधाता क्षेत्र के विश्वनाथगंज में जहां शनिदेव मंदिर है, वहीं खुशहालगंज पनियारी में खुशहालेश्वर शिव मंदिर भी है। यह प्रयागराज-अयोध्या हाइवे से तीन किमी दूर है। समाज को धार्मिक और आध्यात्मिकता का संदेश दे रहा है।

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इतिहास

महादेव का यह धाम बहुत पुराना है। करीब एक हजार साल पहले खुशहाल बाबा पनियारी गांव में बसे थे। धीरे-धीरे परिवार का विस्तार हुआ। सहजनपुर कटाताऔर पनियारी के लोग खुशहाल बाबा के साथ भगवान भोलेनाथ का पूजन करते थे। बाद में लोगों के सहयोग से मंदिर बन गया। यहां पर श्रीमद्भागवत की कथा भी कई बार हुई। गांव के ही राजनाथ सिंह, सुखेंद्र सिंह, पवन कुमार, समर बहादुर सिंह, राधेश्याम सिंह, बाबा बजरंग दास महाराज की अगुवाई में लोगों से एक व दो रुपये लेकर मंदिर को भव्य बनाया गया।

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विशेषता

खुशहालगंज बाजार में शुक्रवार और सोमवार को साप्ताहिक बाजार लगती है। 300 दुकानें आती हैं। हर दुकानदार तहबाजारी के बदले मंदिर को सहयोग देता है। यहां पर 27 साल से लगातार नौकुंडीय गायत्री महायज्ञ होता है। एक हजार कांवरिया प्रयाग से गंगाजल लाकर भगवान भोलेनाथ को श्रद्धापूर्वक जलाभिषेक करते हैं।

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फोटो 03 पीआरटी 5

पुरुषोत्तम मास व सावन में हजारों लोग दर्शन-पूजन करते हैं। किसी पर संकट आता है, कोई बीमार होता है तो दर्शन करने पर भगवान भोलेनाथ स्वस्थ करते हैं। इनकी कृपा से क्षेत्र में महामारी भी बहुत नुकसान नहीं कर पाती।सब खुशहाल रहते हैं।

-अवधेश सिंह, पुजारी

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फोटो 03 पीआरटी 6

खुशहालेश्वर महादेव धाम की महिमा निराली है। अकाल मृत्यु लोग नहीं मरते हैं। भजन संध्या का कार्यक्रम साल में 12 महीने चलता है, कभी भी बंद नहीं होता। इस मंदिर की मुख्य विशेषता है कि जनसहयोग से काम चलता है। सरकारी धन का लाभ नहीं मिला।

-राजनाथ सिंह, व्यवस्थापक

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