आवास लाभार्थियों के घर पहुंचेगी जांच टीम, तैयार होगी रिपोर्ट
प्रतापगढ़ समाज के सबसे गरीब तबके मुसहर जाति के लाभार्थियों को आवास का लाभ मिला तो परिवार
प्रतापगढ़ : समाज के सबसे गरीब तबके मुसहर जाति के लाभार्थियों को आवास का लाभ मिला तो परिवार में खुशी छा गई। तीन किश्त के रूप में भेजे गए पैसे को जब निकाला तो आवास दिलाने के नाम पर उनसे वसूली होने लगी। अधिकांश लाभार्थियों से 10 से 20 हजार रुपये लिया गया। दैनिक जागरण की टीम इसकी हकीकत खंगाली तो वसूली की बात सामने आई। टीम को कई लाभार्थियों ने बताया कि आवास की किस्त से उनको पैसा दिया गया। यह कहकर लिया कि अगर पैसा नहीं दोगे तो अगली किस्त नहीं आएगी। हालांकि गरीब तबके के यह लोग किस्त न आने की बात से डर गए और उनको मन मुताबिक पैसा दिया। जागरण टीम की पड़ताल में शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के नाम पर हुई वसूली का वीडियो भी कैद है। फिलहाल दैनिक जागरण के इस अभियान को भारत सरकार ने संज्ञान में लिया। आवास के लाभार्थी को बुलाकर उनसे जानकारी ली। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर शासन में भेज दिया गया। फिलहाल मामले को डीएम, सीडीओ व परियोजना निदेशक ने संज्ञान में लिया है। ब्लाकों के बीडीओ को जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है।
शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक 518 मुसहर को मुख्यमंत्री आवास का लाभ दिया गया। इसमें लालगंज ब्लाक के नौ, संडवा चंद्रिका के 59, मंगरौरा के 25, शिवगढ़ के 58, सांगीपुर के 23, कालाकांकर के सात, गौरा के 19, मानधाता के 54, लक्ष्मणपुर के 29, सदर के तीन, पट्टी के 55, आसपुर देवसरा के 151, बिहार के 11 व बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के 16 मुसहर जाति के लोगों को मुख्यमंत्री आवास दिया गया है। वर्तमान समय में कई लाभार्थियों के आवास की छत नहीं पड़ी तो अभी तक प्लास्टर व फर्श नहीं बना। दैनिक जागरण ने दो दिसंबर के अंक में ..10 हजार रुपिया देइ देहे..जोन बचा ओहमेन नाहीं बनी..शीर्षक की खबर प्रकाशित की तो अफसरों में खलबली मच गई। सदर ब्लाक की बीडीओ डॉ. आकांक्षा सिंह समेत तीन अफसरों की टीम लाभार्थी संतोष बनवासी के यहां पहुंचे। इसके बाद अफसर जांच से नहीं संतुष्ट हुए तो उनको भेजकर विकास भवन बुलाया। उनसे शपथ पत्र लिया गया। फिलहाल सात दिसंबर तक चले दैनिक जागरण के इस अभियान में सरकारी दावे की पोल खुल गई। सीडीओ ने परियोजना निदेशक समेत ब्लाकों के बीडीओ के निर्देशित किया कि वह लाभार्थियों के यहां जाएं। आवास में क्या कमी है। उसकी रिपोर्ट तैयार करें। सीडीओ ईशा प्रिया ने बताया कि आवास में कौन-कौन से कार्य अधूरे पड़े हैं। इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जागरण के अभियान को गंभीरता से लिया गया है। जांच करते उचित कार्रवाई करायी जाएगी।