हकीकत में होगा ओटीपी से राशन का वितरण
कोटेदारों के लिए एक निराशा भरी खबर है। अब वह ओटीपी से राशन वितरण करने में मनमानी नहीं कर सकेंगे। अब हकीकत में राशन का वितरण होगा। पूर्ति विभाग द्वारा कोटेदारों को जारी किए गए प्रपत्र को भरना होगा। इसमें कोटेदार पूर्ति निरीक्षक व कार्डधारक का हस्ताक्षर होगा। इसके बाद ही राशन का वितरण होगा। पूर्ति विभाग के इस प्रयोग से राशन वितरण की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : कोटेदारों के लिए एक निराशा भरी खबर है। अब वह ओटीपी से राशन वितरण करने में मनमानी नहीं कर सकेंगे। अब हकीकत में राशन का वितरण होगा। पूर्ति विभाग द्वारा कोटेदारों को जारी किए गए प्रपत्र को भरना होगा। इसमें कोटेदार, पूर्ति निरीक्षक व कार्डधारक का हस्ताक्षर होगा। इसके बाद ही राशन का वितरण होगा। पूर्ति विभाग के इस प्रयोग से राशन वितरण की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
जिले भर में 17 ब्लाक में सदर, मानधाता, मंगरौरा, आसपुर देवसरा, लक्ष्मणपुर, पट्टी, बाबा बेलखरनाथ धाम, कुंडा, बिहार, कालाकांकर, लालगंज, सांगीपुर, गौरा, शिवगढ़ सहित अन्य ब्लाक है। इसके अंतर्गत एक हजार 300 से अधिक कोटेदार हैं। जिले भर की एक हजार 193 ग्राम पंचायतों में पांच लाख से अधिक कार्डधारक हैं। इसमें 70 हजार से अधिक अंत्योदय कार्डधारक हैं। बाकी के बचे पात्र गृहस्थी कार्डधारक हैं। जिले में काफी संख्या में ऐसे कार्डधारक हैं जिनको माबाइल ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के माध्यम से माह के अंतिम दिन या उसके एक से दो दिन पहले राशन दिया जाता है। इसमें कोटेदार खेल करते थे। कार्डधारक के मोबाइल पर पहुंचे पासवर्ड को ई-पॉस मशीन में सबमिट किया जाता है। इसके बाद कार्डधारक के नाम पर कई कोटेदार राशन हजम कर लेते थे। इस पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने नया प्रयोग किया ह। अब कोटेदार को मिले प्रारूप को उनको या फिर कार्डधारक को भरना होगा। इसमें सभी का हस्ताक्षर भी होगा। इसके बाद ही राशन का वितरण होगा। इससे कोटेदारों द्वारा की जा रही मनमानी रुकेगी। राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। डीएसओ रीना कुमारी ने बताया कि प्रारूप भरने व सभी के हस्ताक्षर के बाद ओटीपी के तहत राशन वितरण होगा। शिकायतों में आएगी कमी
मोबाइल ओटीपी से राशन वितरण में हो रही मनमानी की हर माह काफी शिकायतें आती थी। जांच में कई मामले सही पाए जाने पर कई कोटेदारों पर कार्रवाई भी हुई। हालांकि नए प्रयोग से जहां शिकायतों में कमी आएगी, वहीं राशन वितरण में पारदर्शिता भी आएगी। नहीं हो पाती थी जानकारी
जो कार्डधारक राशन नहीं लेते थे। उनके राशन को कोटेदार मोबाइल ओटीपी के माध्यम से ले लेते थे। इसकी जानकारी कार्डधारकों को नहीं हो पाती थी। जब कार्डधारक के मोबाइल पर मैसेज जाता था तो कोटेदार बहाने से ओटीपी नंबर को मांग लेते थे। इसके बाद उसे मशीन में सबमिट कर देते थे और राशन हजम कर लेते थे।