हेडमास्टर ने हजम कर ली एमडीएम की धनराशि, हंगामा

सुवंसा कोरोना संक्रमण के दौरान प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन की धनराशि बच्चों को अभिभावक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:22 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:22 PM (IST)
हेडमास्टर ने हजम कर ली एमडीएम की धनराशि, हंगामा
हेडमास्टर ने हजम कर ली एमडीएम की धनराशि, हंगामा

सुवंसा : कोरोना संक्रमण के दौरान प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन की धनराशि बच्चों को अभिभावकों के खाते में नहीं भेजी गई।इसे लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को स्कूल पहुंचकर हंगामा किया। शनिवार को विकासखंड गौरा के प्राथमिक विद्यालय हरपुरसौध पहुंचे अभिभावकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सहायक अध्यापक ने उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। कोरोना महामारी में स्कूल बंद होने के बाद राज्य सरकार ने बच्चों को तीन किस्तों में राशन व रुपये को उनके माता पिता के खाते में भिजवाने का आदेश दिया था। पहली बार 76 दिन, दूसरी बार 49 दिन तथा तीसरी ़िकस्त में 138 दिन का राशन व पैसे बच्चो को देकर उसकी डिटेल प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करनी थी। बावजूद इसके विकासखंड गौरा के प्राथमिक विद्यालय हरपुरसौंध के प्रधानाध्यापक ने 154 छात्रों में से कुछ छात्रों को 76 दिन का राशन और पैसा तो दिया। उसके बाद 49 दिन के रुपये 37503 व 138 दिन का 105622 रुपये को अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिया। जब अभिभावकों के खाते में पैसा नहीं पहुंचा तो उन्होंने प्रधानाध्यापक से संपर्क किया। इस पर उन्होंने विभागीय कमी बताकर पिछले छह महीने से लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत शिक्षा अधिकारियों से की तो अधिकारी चौकन्ने हो गए और जांच पड़ताल शुरू कर दी। प्रधानाध्यापक द्वारा लगभग दो लाख चार हजार रुपये निकालकर हजम करने का मामला होने के कारण हलचल मच गई। पोल न खुल जाए इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मामले को गुपचुप रखा है। जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी गुपचुप तरीके से जांच कर रहे है। अभिभावकों के हंगामे के डर से इन दिनों प्रधानाध्यापक स्कूल आने से परहेज कर रहे हैं। चर्चा है कि वह सुबह शाम चुपके से आकर हस्ताक्षर बना जाते हैं। स्कूल आकर अभिभावक यहां आए दिन हंगामा करते हैं। वह किसी तरीके से अभिभावकों को समझाकर घर भेजते हैं। शनिवार को भी कुछ अभिभावक दोपहर में स्कूल पहुंच गए और प्रधानाध्यापक को खोजने लगे। वह हंगामा करने लगे तो सहायक अध्यापक ने किसी तरह से ग्रामीणों को समझा समझा कर शांत किया। प्रधानाध्यापक ने फोन नहीं उठाया। खंडशिक्षाधिकारी विमलेश तिवारी ने बताया कि जांच की जा रही है। इसके उपरांत प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए धन की रिकवरी की जाएगी।

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