सिविल पुलिस से चलेगी जीआरपी की महिला हेल्प डेस्क
प्रतापगढ़ थानों पर महिला हेल्प डेस्क को व्यवस्थित ढंग से चलाने का सरकार का स्पष्ट निर्देश ह
प्रतापगढ़ : थानों पर महिला हेल्प डेस्क को व्यवस्थित ढंग से चलाने का सरकार का स्पष्ट निर्देश है। सिविल पुलिस के थानों में तो महिला सिपाही की तैनाती हो गई है, लेकिन जीआरपी के थानों व चौकियों पर नहीं हैं। अब सिविल पुलिस की मदद से जीआरपी की महिला हेल्प डेस्क को चलाया जाएगा।
प्रतापगढ़ जंक्शन के जीआरपी थाने को ही लें तो इस थाने में बीते साल महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। अलग से चैंबर बनाया गया। बोर्ड व बैनर लगाए गए, लेकिन यह सब करने का कोई फायदा नहीं मिला। महिला सिपाहियों की तैनाती न हो पाने से डेस्क बनकर भी बेकार साबित हो रही है। ऐसे में किसी पीड़ित महिला को थाने आने पर अपनी समस्या बताने में संकोच होता है। वहीं अगर किसी अपराध में महिला चोर, बदमाश, उचक्के को पुलिस ने पकड़ा तो उससे पूछताछ करना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं आए दिन जीआरपी में आत्महत्या, हत्या व हादसे के मुकदमे भी दर्ज होते हैं। उसमें महिला आरोपित है तो उसके घर दबिश देने में कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करना कठिन हो जाता है।
इस समस्या को लेकर आला अफसरों ने उच्च स्तर पर मंथन किया। अब हल निकला कि जीआरपी में महिला सिपाही कम हैं तो सिविल पुलिस से दी जाएं। अब प्रदेश सरकार व रेलवे में वार्ता हुई है। इसमें कहा गया है कि सिविल पुलिस से महिला सिपाहियों को जीआरपी थाने में तैनाती दी जाएगी। इस नई पहल से प्रतापगढ़ समेत अन्य जिलों के जीआरपी थानों की मांग पूरी होगी। वहां की महिला हेल्प डेस्क कम से कम शुरू तो हो सकेगी। जीआरपी एसओ सुनील वर्मा का कहना है कि शासन स्तर पर इसके लिए प्रयास हो रहे हैं। आशा है कि जल्दी ही तैनाती होगी।
--
मांगना पड़ा था उधार
साल भर पहले जीआरपी प्रतापगढ़ ने कछुआ तस्करों का गिरोह पकड़ा था। इसमें कई महिला तस्कर भी थीं। तत्कालीन एसओ फूल सिंह ने कोतवाली नगर से उधार की महिला सिपाही मांगकर पूछताछ की थी। यह समस्या यहां पर अक्सर होती है।