कोरोना का डर दरकिनार, सड़कों पर आस्था की बयार
भरत मिलाप की रात मेले में सड़क पर आस्था की बयार बह चली। पूरी रात भक्ति व आस्था की बरसात होती रही। कोरोना का डर किसी पर नहीं दिखा। दर्जनों चौकियां निकाली गईं। उनमें अधिकांश पर राधा-कृष्ण और शंकर पार्वती के प्रसंग दिखाए गए। भाव भरे यह विविध प्रकार मंचन देखने को लोग पूरी रात सड़कों पर ही गुजार दिए।
जासं, प्रतापगढ़ : भरत मिलाप की रात मेले में सड़क पर आस्था की बयार बह चली। पूरी रात भक्ति व आस्था की बरसात होती रही। कोरोना का डर किसी पर नहीं दिखा। दर्जनों चौकियां निकाली गईं। उनमें अधिकांश पर राधा-कृष्ण और शंकर पार्वती के प्रसंग दिखाए गए। भाव भरे यह विविध प्रकार मंचन देखने को लोग पूरी रात सड़कों पर ही गुजार दिए।
झांकियों में भगवान कृष्ण द्वारा गोपिकाओं की मटकी फोड़ने, कालिया नाग का मर्दन करने, भगवान शिव द्वारा माता गौरा से भांग पीसकर लाने की जिद करने का प्रस्तुतीकरण सिर चढ़कर बोला। कई मंडलों द्वारा श्रद्धालुओं के बीच कई बार उनकी डिमांड पर प्रदर्शन किया गया, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया। चौकियों का मंचन देखने के लिए जगह-जगह भीड़ रुक जा रही थी। इससे जाम लग जा रहा था। बाबागंज से लेकर सदर मोड़ तक और स्टेट बैंक से लेकर श्रीराम चौराहा, पंजाबी मार्केट, सिनेमा रोड सहित मार्गों पर इन चौकियों को परिवार सहित देखते रहे। कलाकारों का उत्साह भी बढ़ाते रहे। महिषासुर का मर्दन, बालि को उसके किए की सजा भगवान द्वारा दिए जाने, सीता जी का हरण रावण द्वारा छल से किए जाने, भक्त प्रहलाद की भक्ति के विश्वास को कायम रखने के लिए भगवान के नरसिंह अवतार लेने, काली जी द्वारा राक्षसों का वध रौद्र रूप में करने, लव कुश द्वारा भगवान के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा पकड़ने जैसे कई तरह के प्रसंग चौकियों पर मंचित किए गए। कोरोना व उसकी गाइडलाइन आस्था और भक्ति के इस भंवर में तार-तार दिखी। कुछ-कुछ प्रशासनिक अधिकारियों और रामलीला समिति के पदाधिकारियों को छोड़कर अधिकांश लोगों ने ना तो मास्क लगा रखा था, न सैनिटाइज होने की कोई व्यवस्था थी। भीड़ में घुसकर लोग मेला देख रहे थे।