खेत तालाब योजना से समृद्ध होंगे किसान

प्रतापगढ़ भूमि संरक्षण विभाग द्वारा संचालित खेत तालाब योजना से किसान समृद्ध हो सकते हैं। वह अपन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:59 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:59 PM (IST)
खेत तालाब योजना से समृद्ध होंगे किसान
खेत तालाब योजना से समृद्ध होंगे किसान

प्रतापगढ़ : भूमि संरक्षण विभाग द्वारा संचालित खेत तालाब योजना से किसान समृद्ध हो सकते हैं। वह अपने खेतों में तालाब खोदवाकर उसमें मत्स्य पालन के साथ ही सिघाड़े की खेती भी कर सकते हैं। इस साल 50 तालाब खोदे जाने हैं।

खेत तालाब योजना के अंतर्गत तैयार तालाबों में वर्षा का पानी बाहर नहीं जा पाता। तालाब में ही वर्षा का जल संरक्षित हो जाता है। इससे भूजल स्तर ठीक रहता है तथा फसलों को भी लाभ पहुंचता है। साथ ही जब सिचाई करनी होती है तो पानी खोजना नहीं पड़ता। तालाब में मत्स्य पालन भी किया जा सकता है। सिघाड़ा की खेती कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं । वर्ष 2017-18 से यह योजना सरकार ने शुरू की थी। बीते तीन सालों में जिले में 109 तालाबों की खोदाई खेत तालाब योजना अंतर्गत कराई गई है। इनमें वर्षा का जल संरक्षित होने से किसानों को लाभ मिल रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021- 22 में जिले के लिए 50 किसानों का लक्ष्य निर्धारित है । प्रत्येक विकास खंड के लिए यह संख्या दो या तीन निर्धारित की गई है । प्रत्येक ब्लॉक में दो सामान्य व एक अनुसूचित जाति के किसान योजना का लाभ ले सकेंगे। इस वित्तीय वर्ष में सामान्य वर्ग के 40 किसान चयनित होंगे । अनुसूचित जाति के 10 किसानों को योजना का लाभ मिलेगा । वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पंजीकरण शुरू है।-

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एक तालाब पर आएगा एक लाख पांच हजार का खर्च

खेत तालाब योजना के अंतर्गत खोदे जाने वाले तालाब पर एक लाख पांच हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें से 52 हजार पांच सौ रुपये कृषक अंश तथा 52 हजार पांच सौ रुपये कृषक अनुदान है। पंजीकरण के बाद अनुदान किसानों के खाते में तीन किस्तों में पैसा भेजा जाता है। तालाब की लंबाई 22 मीटर, चौड़ाई 20 मीटर, गहराई तीन मीटर निर्धारित की गई है। तालाब की खोदाई के लिए तकनीकी सलाह विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा दी जाती है।

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खेत तालाब योजना में वर्षा का जल संरक्षित होने से किसानों को लाभ मिल रहा है। इस साल 50 किसानों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य मिला है।-डॉ. रमेश चंद्र, भूमि संरक्षण अधिकारी

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