बारूद के ढेर पर जिला, हादसे की आशंका
प्रतापगढ़ दीपावली का पर्व नजदीक है ऐसे में शहर से लेकर कस्बों में आतिशबाज पटाखे बनाने
प्रतापगढ़ : दीपावली का पर्व नजदीक है, ऐसे में शहर से लेकर कस्बों में आतिशबाज पटाखे बनाने में जुट गए हैं। ज्यादातर आतिशबाजों ने घर को ही गोदाम बना रखा है, ऐसे में हादसे की आशंका बनी हुई है।
दीपावली का पर्व नजदीक आने पर आतिशबाज पटाखों को स्टोर करने लगते है। इससे इनकी मोटी कमाई होती है,पर इनकी लापरवाही से बगल में रहने वाले लोगों की जिदगी पर संकट मंडराता रहता है। वजह यह है कि रिहायशी इलाकों में पटाखे डंप किए जाते हैं। शहर से लेकर कस्बों का यही हाल है।
जिले में पटाखा सबसे अधिक कटरा मेदनीगंज कस्बे में बनाया जाता है। यहां अधिकांश आतिशबाज अपने घर पर ही पटाखा बनाते हैं। करीब दस साल पहले कटरा में एक परिवार में पटाखे में हुए विस्फोट में दो लोगों की जान चली गई थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वहां सारे साक्ष्य मिटा दिए गए थे, पुलिस ने उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी।
यही नहीं, करीब 15 साल पूर्व एक महिला बारूद झोले में भरकर टेंपो से कटरा से शहर आ रही थी। रास्ते में बड़नपुर के पास बारूद में हुए विस्फोट में एक युवक की मौत हो गई थी। वह मौत इतनी दर्दनाक थी कि पैर कटकर पेड़ से लटक रहा था।
अब दीपावली का पर्व नजदीक है, पटाखे बनाए जा रहे हैं। घरों को गोदाम बना दिया गया है। इसके बाद भी पुलिस सतर्क नहीं है। शायद पुलिस को किसी हादसे का इंतजार है। अभी तक पुलिस ने चेकिग अभियान शुरू नहीं किया है कि घरों में पटाखे डंप किए जा रहे हैं या गोदाम में, लेकिन आतिशबाजों के घर के पास रहने वाले लोग डरे सहमे हैं। वे इस इंतजार में हैं कि आखिर पुलिस कब चेतेगी।