भगवान भोले को प्रसन्न करने को भक्त कर रहे पूजन
प्रतापगढ़ सावन में जिला बम-बम बोल रहा है। छोटे व बड़े सभी शिवालयों में जलाभिषेक की धूम मच
प्रतापगढ़ : सावन में जिला बम-बम बोल रहा है। छोटे व बड़े सभी शिवालयों में जलाभिषेक की धूम मची हुई है। शहर से लेकर अंचल तक के मंदिरों में श्रद्धालुओं का आवागमन बना है। हर-हर महादेव के जयकारों से वातावरण भक्तिमय बना है। गुरुवार को भी जनपद के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बेल्हा देवी मंदिर से लेकर अंचल तक के मंदिरों में भक्ति की बयार बहती रही। कई लोगों ने अपनी मनौती पूरी होने पर प्रसाद वितरण किया। तमाम लोगों ने निशान चढ़ाए। बहुत से लोग रुद्राभिषेक भी कर रहे हैं। जिले में शंकर भगवान के पूजन की धूम मची हुई है। माना जाता है कि सावन में शिव जी धरती पर भ्रमण करते रहते हैं। ऐसे में उनकी पूजा से कृपा प्राप्त करने में बहुत आसानी होती है। जलाभिषेक करने से बहुत फल मिलता है।लालगंज प्रतिनिधि ने बताया कि कस्बे में ओम नम: शिवाय का सामूहिक जप किया गया। इस धार्मिक कार्य में लालगंज नगरवासियो के साथ अधिवक्ताओं, व्यापारियों व शिक्षकों की भी उत्साहजनक भागीदारी दिखी। संस्कृत विद्वान आचार्य आदित्य दुबे के संयोजन में भगवान शिव की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। महिला श्रद्धालुओं ने संकीर्तन से शिव आराधना की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। इसके बाद श्रद्धालुओं ने भोले बाबा का महाप्रसाद ग्रहण किया। संयोजक संयुक्त अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र व आयोजक प्रधानाचार्य आदर्श नारायण मिश्र ने महाप्रसाद वितरण के प्रबंधन की देखरेख की। इस मौके पर रामदयाल मिश्र, सूर्य नारायण मिश्र, विनय शुक्ल, मनोज तिवारी, सुजीत तिवारी, ज्ञान प्रकाश शुक्ल, शैलेंद्र मिश्र, रामसूर्ति त्रिपाठी, शैलेन्द्र शुक्ल आदि मौजूद रहे।घुइसरनाथधाम प्रतिनिधि के अनुसार बाबा घुइसरनाथ को जलाभिषेक के साथ हो लोग मंदिर परिसर में शिव जप, मंदिर परिक्रमा कर रहे हैं। फूल माला, धतूरा, भांग, धूप, दीप, दही, घी, शक्कर, दूध, शहद, पेड़ा, प्रसाद आदि अर्पित कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांग रहे हैं। सई के किनारे घुइसरनाथ धाम सावन में महादेव के जयकारे से गुंजायमान है। सुबह से देर शाम तक यहां जलाभिषेक को श्रद्धालु पहुंच रहे है। दूर-दूर से भी लोग अकेले व परिवार के साथ मत्था टेकने को आ रहे हैं। मंदिर परिसर में जगह-जगह आचार्यगण श्रद्धालुओं को दर्शन व पूजन कराते रहे। मंदिर के महंत मयंक भाल गिरि के साथ ही स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं।