अटकी सचिवों की तैनाती, सीडीओ करेंगे भाग्य का फैसला

संवाद सूत्र प्रतापगढ़ एक ही ब्लाक में तीन साल से तैनात करीब चार दर्जन सचिवों का ट्रांसफर क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 04:49 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 04:49 PM (IST)
अटकी सचिवों की तैनाती, सीडीओ करेंगे भाग्य का फैसला
अटकी सचिवों की तैनाती, सीडीओ करेंगे भाग्य का फैसला

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : एक ही ब्लाक में तीन साल से तैनात करीब चार दर्जन सचिवों का ट्रांसफर करके दूसरे ब्लाकों में तैनात कर दिया गया। बड़े पैमाने पर कार्रवाई होने से सचिवों में खलबली मची गई। यहां तक कि संगठन के कई पदाधिकारी भी अपना स्थानांतरण नहीं रोकवा सके। पखवारे भर से स्थानांतरण होकर आए सचिवों का गांव आवंटित किए जाने की फाइल डीपीआरओ कार्यालय से सीडीओ आवास तक ही टहल रही है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि किस सचिव को किस गांव में तैनात किया जाए।

जिले के बाबागंज, बिहार, पट्टी, सदर, आसपुर देवसरा, संडवा चंद्रिका, आसपुर देवसरा, कुंडा, सांगीपुर, मानधाता, कालाकांकर व बाबा बेलखरनाथ सहित अन्य ब्लाकों से तीन साल से एक ही ब्लाक में तैनात कई ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी का स्थानांतरण दूसरे ब्लाकों में कर दिया गया। 15 जुलाई को कर्मियों का ट्रांसफर डीपीआरओ व डीडीओ ने किया। ट्रांसफर होकर आए सचिव ब्लाक में ज्वाइन तो कर लिए, लेकिन अभी तक उनको गांव आवंटित नहीं किया गया। पखवारे भर से गांव के आवंटन की फाइल डीपीआरओ कार्यालय से सीडीओ आवास तक टहल रही है। गांव का आवंटन कब होगा, यह अफसर नहीं बता पा रहे हैं। वहीं गांव आवंटित न किए जाने से सचिव ब्लाक कार्यालय में हस्ताक्षर करके गायब हो जा रहे हैं।

- अफसरों की कार्यशैली पर सवाल

पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि सचिवों को गांव आवंटित करने की प्रक्रिया में पखवारे भर का समय लग गया। इसके बाद भी गांव का आवंटन नहीं हुआ। पहले सचिवों का ट्रांसफर होते ही दो से तीन दिनों में उनको गांव आवंटित कर दिया जाता था, लेकिन इस बार काफी समय बीतने के बाद गांव का आवंटन नहीं हुआ। इससे अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है। फिलहाल इसके पीछे कुछ न कुछ है।

- गांवों में ठप है विकास कार्य

जिन सचिवों का स्थानांतरण हुआ है, उसमें से प्रत्येक सचिवों के पास चार से पांच गांव का चार्ज था। इस तरह से करीब 150 से 175 गांवों में सचिवों की तैनाती न होने से गांव का विकास कार्य ठप पड़ा है। मनरेगा समेत मदों से होने वाले कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

--------

डीपीआरओ की तबीयत खराब चल रही है। वह दो से तीन दिनों में आ जाएंगे। इसके बाद तत्काल सचिवों को गांव आवंटित कर दिया जाएगा।

- प्रभाष कुमार, सीडीओ

chat bot
आपका साथी