सहकारी समितियों से डीएपी नदारद, बोआई का संकट

जगेसरगंज/बाबागंज जरूरत के समय सहकारी समितियों से डीएपी नदारद है। इसे लेकर किसान परेश

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:11 PM (IST)
सहकारी समितियों से डीएपी नदारद, बोआई का संकट
सहकारी समितियों से डीएपी नदारद, बोआई का संकट

जगेसरगंज/बाबागंज : जरूरत के समय सहकारी समितियों से डीएपी नदारद है। इसे लेकर किसान परेशान हैं। कृषि विभाग जिले में चार हजार मीट्रिक टन से ज्यादा डीएपी का स्टॉक होने का दावा कर रहा है। वहीं, अब दूसरी रैक के जल्दी आने की बात कही जा रही है, लेकिन हकीकत में किसान एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान हो रहा है।

बारिश के कारण बोआई के लिए तैयार किसानों की जमीनों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है। पिछले तीन दिनों से किसान लगातार खाद के लिए साधन सहकारी समिति गोबरी का चक्कर लगा रहे हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा जरूरत डीएपी और सुपर फास्फेट की है, जिसका स्टॉक समितियों से खत्म हो चुका है। किसान दिन भर सोसायटियों, किसान सेवा केंद्रों और वेयर हाउस के बाहर एक-एक बोरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं दुकानदार ज्यादा दाम वसूलने के साथ अवैध रूप से भी खाद की बिक्री कर रहे हैं। गोबरी समिति के सचिव ओम प्रकाश यादव ने बताया कि डीएपी खाद एक-दो दिन में आ जाएगी और किसानों को पुराने ही रेट से डीएपी खाद दी जाएगी। इसी क्रम में साधन सहकारी समिति सांडा हर्ष पुर बाबागंज में डीएपी नहीं है। इस समिति का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी इसमें हादसा हो सकता है, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते समिति भवन का न तो पुनर्निर्माण हो रहा है और न ही मरम्मत कराई जा रही है। इससे खाद लेने वाले किसानों को समिति में घुसते हुए खतरा बना रहता है। समिति के सचिव विनय कुमार मिश्रा ने बताया कि पैसा जमा किए हुए दो महीने हो गए, अभी तक खाद नहीं आई। सूचना प्राप्त हुई है कि 260 बोरी का आवंटन हुआ है, जो एक या दो दिन में आ जाएगी।

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डीएपी महीनों से ही सीमित पर नहीं है, जिसके चलते आलू की बोआई लेट हुई है। इसके साथ-साथ खेतों से नमी गायब होती जा रही है, जिससे समस्या हो रही है और बोआई भी समय से नहीं हो पा रही है। -हरिशंकर मिश्रा, पूरेपीतांबर

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डीएपी न होने से फसलों की बोआई समय से नहीं हो पा रही है। खेतों से नमी गायब हो जाएगी, जिसके कारण फसलें सही से नहीं तैयार हो पाएगी इस समय खेतों में संजीवनी जैसी नमी बनी हुई है।

-रामशरण वर्मा, पदुमपुर

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धान की फसल की रोपाई के बाद से अभी तक खाद नहीं आई। हम किसानों का काम कैसे चलेगा। आलू की फसल भी पिछड़ रही है।

-रामू तिवारी, पूरे निर्मल खुर्द

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आलू व मटर आदि बोना है, परंतु हमारी समिति में कभी भी टाइम से खाद नहीं आती है। यही हाल इस साल का भी है।

-जियालाल गौतम, सांडा हर्षपुर

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