प्रदेश भर के जिला प्रबंधकों की आज लखनऊ में लगेगी क्लास
भंडार नायक द्वारा पांच करोड़ छह लाख की डीएपी गबन करने से विभाग सुर्खियों में आ गया। जिले में हुए गबन के मामले में पूरे प्रदेश में सभी गोदामों की जांच किए जाने का आदेश जारी हो गया है। इसे अलावा कई साल से एक ही जिले में तैनात भंडार नायकों को भी हटाने की कवायद शुरू हो गई। वहीं गबन की घटना से नाराज एमडी ने प्रदेश भर के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों जिला प्रबंधकों को शुक्रवार को लखनऊ बुलाया है। इसे लेकर अफसर दहशत में हैं।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : भंडार नायक द्वारा पांच करोड़ छह लाख की डीएपी गबन करने से विभाग सुर्खियों में आ गया। जिले में हुए गबन के मामले में पूरे प्रदेश में सभी गोदामों की जांच किए जाने का आदेश जारी हो गया है। इसे अलावा कई साल से एक ही जिले में तैनात भंडार नायकों को भी हटाने की कवायद शुरू हो गई। वहीं गबन की घटना से नाराज एमडी ने प्रदेश भर के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों, जिला प्रबंधकों को शुक्रवार को लखनऊ बुलाया है। इसे लेकर अफसर दहशत में हैं।
प्रतापगढ़ में पीसीएफ में संतोष कुमार भंडार नायक के पद पर तैनात था। उसने खजोहरी गोदाम से 21 हजार 100 बोरी डीएपी का गबन कर लिया। सब्सिडी सहित इसका दाम पांच करोड़ छह लाख रुपये है। मामले की जानकारी होने पर डीएम ने जिला प्रबंधक पीसीएफ धनंजय तिवारी को मुकदमा दर्जन कराने का निर्देश दिया और इसके बाद पूरे प्रदेश में खलबली मच गई। फिलहाल तहरीर पर पुलिस ने गबन करने समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। घटना से एमडी मासूम अली सरवर खफा हैं। इस तरह की घटना दोबारा किसी और जिले में न हो, इसके लिए सभी भंडार नायकों को दूसरे जिले में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। फिलहाल एमडी शुक्रवार को लखनऊ में बैठक करेंगे। सभी जिलों के जिला प्रबंधकों, क्षेत्रीय प्रबंधकों बुलाया गया है। कौन अफसर व कर्मी कितने साल से एक ही जिले में तैनात है। भंडार नायक के पास कितनी गोदामों का चार्ज है। इस पूरे दस्तावेज के साथ बुलाया गया है। जिला प्रबंधक ने बताया कि एमडी की बैठक शुक्रवार को लखनऊ में है। --- दो से तीन दिन में हटाने का दावा पीसीएफ विभाग के एक जिम्मेदार ने बताया कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। उम्मीद है कि दो से तीन दिनों में प्रदेश भर के भंडार नायक जिले से हटा दिए जाएंगे। फिलहाल बैठक में जाने को लेकर अफसरों दस्तावेज तैयार करने में जुटे हैं। फिलहाल बैठक में ही निर्णय लेने की तस्वीर साफ हो पाएगी। एमडी की सख्ती से अफसर सहमे हुए हैं। डर बना हुआ है कि कहीं गाज न गिर जाए। --- बकाया चावल पर करेंगे समीक्षा जिले में कितना चावल बकाया है। उसकी रिकवरी क्यों नहीं हो पा रही है। किस तरह की कार्रवाई राइस मिल संचालकों व केंद्र प्रभारियों पर की गई। इसे लेकर एमडी जिला प्रबंधकों से जानकारी लेंगे। लाखों रुपये के बकाए चावल की रिकवरी न होना भी गले की फांस बन सकता है। जिले में पीसीएफ के कुछ केंद्रों पर 20 लाख रुपये से अधिक का चावल बकाया है। अभी तक एफसीआइ में नहीं जमा किया गया।