ड्यूटी से नाम कटने की जानकारी को लेकर लगा रहे चक्कर

पंचायत चुनाव में करीब 18 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। कोरोना व गंभीर रोग से ग्रसित कर्मी ड्यूटी से नाम कटवा चुके हैं लेकिन उनको इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। कर्मी विकास भवन एनआइसी सहित अन्य जगहों पर इसकी जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी उनको जानकारी नहीं मिल रही है। इसे लेकर कर्मियों में आक्रोश है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:26 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:26 PM (IST)
ड्यूटी से नाम कटने की जानकारी को लेकर लगा रहे चक्कर
ड्यूटी से नाम कटने की जानकारी को लेकर लगा रहे चक्कर

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : पंचायत चुनाव में करीब 18 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। कोरोना व गंभीर रोग से ग्रसित कर्मी ड्यूटी से नाम कटवा चुके हैं, लेकिन उनको इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। कर्मी विकास भवन, एनआइसी सहित अन्य जगहों पर इसकी जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी उनको जानकारी नहीं मिल रही है। इसे लेकर कर्मियों में आक्रोश है।

पंचायत चुनाव 19 अप्रैल को है। लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। एक ओर जहां पीठासीन अधिकारियों को मतपत्र दिया जा रहा है, वहीं वोटर लिस्ट को भी देने की कार्रवाई तेजी से चल रही है। चुनाव ड्यूटी में जितने प्रार्थना पत्र आए थे, उसमें से केवल एक से दो प्रतिशत कर्मियों की ड्यूटी काटी जा चुकी है। ऐसे कर्मी जो कोरोना के संक्रमण की चपेट में हैं। गंभीर रोग से ग्रसित हैं। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद उनकी ड्यूटी काट दी गई है, लेकिन काफी कर्मियों को अभी तक ड्यूटी से नाम काटने की जानकारी नहीं मिल दी गई। इसे लेकर वह भ्रम की स्थिति में हैं। उनको इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं ड्यूटी न कटी हो। वहीं लाख कोशिश के बाद भी नाम कटने की जानकारी नहीं हो पा रही है। शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित एनआइसी व डीडीओ कार्यालय में इसकी जानकारी लेने के लिए कई कर्मी पहुंच गए। हालांकि दोनों जगहों से कर्मियों को जानकारी नहीं मिल सकी। एडीएम शत्रोहन वैश्य ने बताया कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी पंचायत चुनाव से कटी है, उनको फोन के माध्यम से ड्यूटी कटने की जानकारी दी जा रही है।

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बंद कर दिए गेट

एनआइसी में इस मामले की जानकारी को लेकर आए दिन कर्मी पहुंच रहे हैं। इसे लेकर एनआइसी के कर्मियों ने शनिवार को गेट पर अंदर से ताला जड़ दिया। कई कर्मी शटर पीटते रहे, लेकिन अंदर से कर्मियों ने उसे नहीं खोला।

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