मरम्मत के अभाव में बह गए चेकडैम
जल संचयन को लेकर अफसरों ने बड़े-बड़े दावे किए लेकिन यह दावा कोरा साबित हो रहा है। जल संचयन को लेकर बनाए गए चेकडैम किस हालत में हैं। इसकी जानकारी अफसरों को नहीं है। यही वजह है कि सालों से बने चेकडैम मरम्मत के अभाव में बेकार हो गए है। जर्जर होने से वह पानी के तेज बहाव में बह गए हैं। इसकी जानकारी अभी तक विभागीय अफसरों को नहीं हो सकी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल संचयन को लेकर विभागीय अधिकारी कितने गंभीर हैं।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : जल संचयन को लेकर अफसरों ने बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन यह दावा कोरा साबित हो रहा है। जल संचयन को लेकर बनाए गए चेकडैम किस हालत में हैं। इसकी जानकारी अफसरों को नहीं है। यही वजह है कि सालों से बने चेकडैम मरम्मत के अभाव में बेकार हो गए है। जर्जर होने से वह पानी के तेज बहाव में बह गए हैं। इसकी जानकारी अभी तक विभागीय अफसरों को नहीं हो सकी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल संचयन को लेकर विभागीय अधिकारी कितने गंभीर हैं।
जल संचयन को लेकर लालगंज, बाबा बेलखरनाथ धाम, संडवा चंद्रिका सहित कुछ अन्य ब्लाकों में करीब 250 चेकडैम बनाए गए थे। इसके पीछे विभाग का यह मकसद था कि गांव का जलस्तर दुरुस्त रहे। पानी की सतह नीचे न भागे। करीब 15 साल पहले बनाए गए यह चेकडैम जर्जर हो गए हैं। उदाहरण के तौर पर जिले के संडवा चंद्रिका ब्लाक के गोबरी गांव के पास रेलवे पुल के नीचे बनाया गया चेकडैम जर्जर हो गया था। उसका काफी हिस्सा पानी में बह गया है। इससे अब पहले की अपेक्षा अब यहां पर पानी का जमाव नहीं हो पा रहा है। चेकडैम बह जाने की जानकारी अभी तक अफसरों को नहीं है। ऐसा ही हाल कई और चेकडैम का है। काफी संख्या में चेकडैम को निर्माण कार्य के दौरान अधूरा छोड़ दिया गया था। मामला न्यायालय में जाने से ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। इससे ठेकेदार बिना पैसे के काम करने से हाथ खड़े कर दिए। काफी चेकडैम का हाल बेहाल है।
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जल संचयन की बेहतर नजीर, देखने को आइए विकास भवन
विकास भवन में जल संचयन को लेकर खास इंतजाम किया गया है। कम पैसे में जल संचयन पर बेहतर काम किया गया है। विकास भवन में जल संरक्षण पर किया गया काम अन्य विभागों के लिए नजीर है। बारिश का पानी विकास भवन की छत व परिसर में इकठ्ठा होता था। विभाग ने छत की दीवार पर पाइप के सहारे पानी को विकास भवन में बेकार पड़े कुएं में लाकर छोड़ दिया। छत व परिसर का पानी पाइप के सहारे विकास भवन के कुंए में गिरता है। इससे परिसर व आसपास के मोहल्ले का जलस्तर दुरुस्त है।
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जर्जर चेकडैम की मरम्मत का कोई फंड नहीं मिला है। इसकी मरम्मत के लिए शासन से मार्गदर्शन मांगा जाएगा। प्रयास है कि जर्जर चेकडैम की मरम्मत मनरेगा से कराई जाएगी।
- विक्रमाजीत, सहायक अभियंता लघु सिचाई