गोशालाओं में अव्यवस्था का बोलबाला

प्रतापगढ़ वैसे तो जिले में कुल 54 गोशालाएं हैं। इनमें लगभग नौ हजार गोवंश संरक्षित किए गए ह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:11 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:11 PM (IST)
गोशालाओं में अव्यवस्था का बोलबाला
गोशालाओं में अव्यवस्था का बोलबाला

प्रतापगढ़ : वैसे तो जिले में कुल 54 गोशालाएं हैं। इनमें लगभग नौ हजार गोवंश संरक्षित किए गए हैं। अधिकांश गोशालाओं में अव्यवस्था का बोलबाला है। कहीं टिनशेड नहीं है तो कहीं भूसा का अकाल है। गो शालाओं में प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी के जिम्मे व्यवस्था कराने के निर्देश हैं। डीएम ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि सड़क एवं खेत में गोवंश न दिखाई दें। इन्हें अस्थाई गो शालाओं में संरक्षित किया गया है। यह जिम्मेदारी उन्होंने संबंधित खंड विकास अधिकारियों के साथ ही संबंधित एसडीएम को दे रखी है। इसके साथ ही पशु चिकित्सकों को नियमित रूप से गोवंश की देखभाल करने के निर्देश हैं। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।

पशुपालन विभाग की मानें तो जिले में कुल गोवंश की संख्या 14 हजार 128 है। इनमें से नौ हजार से अधिक गोवंश पंजीकृत गोशाला, कान्हा गोशाला, स्थाई व अस्थाई गोशाला में संरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिले में चार वृहद, तीन कान्हां गोशाला का निर्माण कार्य चल रहा है। बनने के बाद इनमें कुल चार हजार गोवंश संरक्षित किए जाएंगे। गोशालाओं में अव्यवस्था का बोलबाला है। इसे लेकर दैनिक जागरण शनिवार से अभियान शुरू कर रहा है। पहले दिन शिवगढ़ ब्लॉक के चंदी गोविदपुर में बने आस्थाई गौशाला की पड़ताल की गई।

बीरापुर प्रतिनिधि के अनुसार शिवगढ़ ब्लॉक के चंदी गोविदपुर में बने आस्थाई गौशाला में न तो टिनशेड है और न ही चरही और भूसा की व्यवस्था। यहां के पशु घास चरकर ही अपना पेट भर रहे हैं। गौशाला में अव्यवस्थाओं को लेकर बीते दिनों जागरण ने खबर प्रकाशित की तो समाचार को संज्ञान में लेते हुए बीडीओ शिवगढ़ जीडी शुक्ला ने प्रधान को आदेशित किया कि टिनशेड, भूसा व चरही की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए। ग्राम प्रधान शीतला पाल द्वारा टिनशेड व पाइप के साथ ईंट बालू मंगा कर बनाने की व्यवस्था की गई है। प्रधान ने बताया गया कि सामान लाकर रख दिया गया है। एक-दो दिन में मिस्त्री लगाकर टिनशेड व चरही बनवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि भूसा नहीं मिल पा रहा है। भूसा की लिए ठेकेदार से बात हो गई है। भूसा की भी व्यवस्था कराई जाएगी। इस गोशाला में 218 पशु पंजीकृत हैं, जबकि 437 पशु गोशाला में हैं। ग्राम प्रधान ने बताया कि जब तक भूसा चारा की व्यवस्था नहीं हो जा रही है तब तक मजदूर लगा कर पशुओं को चराया जा रहा है। पशु ज्यादा होने के कारण भूसा ज्यादा दिन नहीं चल पाता है।

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गोशालाओं में चारा-पानी की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी डीएम ने संबंधित खंड विकास अधिकारी को दे रखी है। उन्हें ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से इसकी व्यवस्था करानी चाहिए। सप्ताह में दो दिन संबंधित पशु चिकित्सक गोवंश की देखरेख व इलाज के लिए भेजे जाते हैं। उन्होंने शिवगढ़ के चंदीगोविदपुर गोशाला में जाकर स्थिति देखी है। टिनशेड, चरही बनाने के साथ भूसा की व्यवस्था कराने को कहा है।

-डॉ. विजय प्रताप सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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