बुढ़ौरा और रोहखुर्द कला गोशाला में मृत पड़े हैं मवेशी

सुवंसा प्रदेश सरकार भले ही गोवंश आश्रय केंद्र पर मवेशियों के सुविधा के लिए लाखों रुपए खच

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:01 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:01 PM (IST)
बुढ़ौरा और रोहखुर्द कला गोशाला में मृत पड़े हैं  मवेशी
बुढ़ौरा और रोहखुर्द कला गोशाला में मृत पड़े हैं मवेशी

सुवंसा : प्रदेश सरकार भले ही गोवंश आश्रय केंद्र पर मवेशियों के सुविधा के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन रानीगंज तहसील क्षेत्र में स्थित गोवंश आश्रय केंद्रों के हाल बेहद खराब है। यहां न मवेशियों को रहने के लिए मुकम्मल व्यवस्था दिखी, न चारे पानी दवा की। दैनिक जागरण टीम ने शनिवार को रोहखुर्द कला गांव और बुढ़ौरा गोवंश आश्रय स्थलों को देखा, दोनों बदहाली का शिकार मिले। बारिश में मवेशी कीचड़ में गिरे पड़े मिले। ना वहां चारा-पानी था और ना ही वहां कोई कर्मचारी। दोनों ही स्थानों पर नौ मवेशी मृत मिले।

रोहखुर्द कला गोवंश आश्रय स्थल नगर पंचायत सुवंसा की देखरेख में चल रहा है । इस आश्रय स्थल पर करीब 75 बेसहारा मवेशी रखे गए हैं। कीचड़ व दलदल में ही मवेशी पड़े रहते हैं। टिनशेड उखड़ा है, जिससे खुले आसमान में मवेशी भीग रहे हैं और बीमार होकर दम तोड़ रहे हैं। जागरण की पड़ताल में शनिवार को दोपहर में यहां आधा दर्जन गायें परिसर में मृत पड़ी मिलीं । बीमार होने से तीन-चार मवेशी यहां कीचड़ में तड़पते दिखे। चारा कक्ष में ताला लटक रहा था। जो मवेशी हैं भी, वह ठीक से चलने की स्थिति में भी नहीं रह गए, जल्द ही वे भी दम तोड़ देंगे। यहां बाहर से ताला लटकता दिखा और अंदर पशुओं की देखभाल करने वाला कोई नहीं मिला। गांव के पूर्व प्रधान सूबेदार सरोज, विजय सरोज, जीतलाल, सुमित कुमार सहित ग्रामीणों का कहना है कि यहां बेसहारा मवेशियों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। बीमार होकर मौत के गाल में समा रहे हैं। शिकायत के बावजूद भी जिले के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। ईओ राज भान शुक्ला ने गायों के मृत होने की बात से इन्कार करते हुए कहा कि कुछ मवेशी बीमार हैं । उन्हें इलाज के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी से कहा गया है। टूटा टिनशेड ठीक कराया जा रहा है। पशुओं को चारा पानी की व्यवस्था की जा रही है।

वहीं शिवगढ़ ब्लाक के बुढ़ौरा गांव में स्थित गोवंश आश्रय केंद्र का हाल दैनिक जागरण ने खंगाली तो हालात बेहद ़खराब मिले। यहां पानी कीचड़ में मवेशी खड़े थे, मवेशियों को चारा भी नहीं दिया गया था। मवेशियों की देखभाल करने वाला कर्मचारी भी नहीं था। गोवंश आश्रय स्थल में ताला बंद था। मौके पर 50 मवेशी कीचड़ व पानी मे खड़े दिखे। तीन मवेशी मृत पड़े थे। मृत मवेशी के दुर्गंध से आस पास के लोगों को परेशानी हो रही है । लोगों का कहना है कि शासन लाखों रुपये गोवंश आश्रय स्थल में मवेशियों के चारे पानी और इलाज के लिए दे रहा है तो पैसा कहां जा रहा है। लोगों ने इसकी दशा सुधारने की मांग की है।ग्राम पंचायत विकास अधिकारी राजेश गौतम का कहना है कि इरशादुल नाम के एक व्यक्ति को गोशाला की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें भी शनिवार की सुबह ही मवेशियों के मौत का पता चला है। ग्राम प्रधान इकरार का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार को ही नए ग्राम प्रधान पद की शपथ ली है, यह मामला दैनिक जागरण से उन्हें पता चला है, वह इस गंभीर मामले को देखेंगे और गोशाला में मवेशियों की उचित देखरेख की व्यवस्था की जाएगी। एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम का कहना है कि मवेशियों की मौत की जानकारी नहीं है।मामले की जांच कराई जाएगी।

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