दायित्वों को निभाने में बरती जाए पूरी सजगता : बीडीओ

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व महिला लाभार्थियों को ड्राई राशन देने की तैयारी को लेकर शनिवार को गौरा ब्लाक सभागार में बैठक हुई। डीसी मनरेगा व बीडीओ गौरा अजय पांडेय ने महिला समूह के अध्यक्षों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व कोटेदारों को बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषाहार के बजाए लाभार्थियों को ड्राई राशन समूहों के माध्यम से दिया जाना है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:00 PM (IST)
दायित्वों को निभाने में बरती जाए पूरी सजगता : बीडीओ
दायित्वों को निभाने में बरती जाए पूरी सजगता : बीडीओ

ंवादसूत्र, गौरा : आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व महिला लाभार्थियों को ड्राई राशन देने की तैयारी को लेकर शनिवार को गौरा ब्लाक सभागार में बैठक हुई। डीसी मनरेगा व बीडीओ गौरा अजय पांडेय ने महिला समूह के अध्यक्षों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व कोटेदारों को बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषाहार के बजाए लाभार्थियों को ड्राई राशन समूहों के माध्यम से दिया जाना है। उन्होंने कोटेदारों को निर्देशित किया कि पूर्ण समन्वय के साथ महिला समूह के अध्यक्षों को प्रत्येक माह गेहूं व चावल खाद्यान्न निर्धारित मात्रा में उपलब्ध कराएं। इसमें पूरी सजगता बरती जाए। महिला समूह के अध्यक्षों को निर्देशित किया कि वह कोटेदारों के यहां से प्रत्येक माह खाद्यान्न को प्राप्त कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को देंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित कर इस वितरण को निर्धारित मात्रा में सुनिश्चित कराएं। डीआरपी अजय क्रांतिकारी ने महिला समूह के अध्यक्षों को उनके दायित्व के बारे में बताया। एडीओ आईएसबी देवराज पटेल ने समूह के अध्यक्षों से कहा कि वह अभिलेखों आदि को दुरुस्त कर इस कार्य को जिम्मेदारी से करें। इस मौके पर सीडीपीओ रवींद्र उपाध्याय, बीएमएम राम मनोहर, मुख्य सेविकाएं, कोटेदार, महिला समूह की अध्यक्ष, व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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भीड़ बढ़ी तो कोटेदारों की अलग से हुई बैठक

संसू गौरा : ब्लाक सभागार में महिला समूह के अध्यक्षों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ी कि वहां कोटेदारों की बैठने की जगह ही नहीं मिली। कोटेदारों को कहा गया कि वह अभी बाहर रहें, उनकी बैठक बाद में होगी। अधिकारियों की यह बात कोटेदारों को नागवार लगी तो वह भड़क उठे और घर जाने की तैयारी करने लगे। जब यह बात अधिकारियों को पता चली तो वह फौरन मामले की गंभीरता को भाप गए और कोटेदारों को बुलाकर समझाया गया कि उन्हें बैठक से बाहर नहीं किया जा रहा है। भीड़ अधिक है थोड़ी देर बाद उनकी बैठक अलग से होगी। तब जाकर कोटेदार शांत हुए।

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