एंबुलेंसकर्मी अपने रुख पर कायम, नहीं किया कार्य

प्रतापगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन किए जाने की मांग पर एंबुलेंस कर्मी कायम हैं। उन्हा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:19 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:19 PM (IST)
एंबुलेंसकर्मी अपने रुख पर कायम, नहीं किया कार्य
एंबुलेंसकर्मी अपने रुख पर कायम, नहीं किया कार्य

प्रतापगढ़ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन किए जाने की मांग पर एंबुलेंस कर्मी कायम हैं। उन्होंने बुधवार को भी हड़ताल की। एडवांस लाइफ सपोर्ट समेत सभी सेवा के कर्मी कार्य से विरत रहे। इससे मरीजों का अस्पताल पहुंच पाना और मुश्किल होता जा रहा है। इधर सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव व पूर्व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री प्रो.शिवाकांत ओझा के नेतृत्व में सपा की टीम एंबुलेंस कर्मियों के बीच पहुंची। प्रो. ओझा ने उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए सीएमओ से फोन पर वार्ता की। साथ ही उनका ज्ञापन लिया। कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर चालकों को स्थायी समायोजित किया जाएगा। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष इरशाद सिद्दीकी, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शेर बहादुर यादव, नरेंद्र पाल, साबिर अली, संतोष यादव, अनिल तिवारी, रमेश सरोज, मीडिया प्रभारी मनीष पाल भी रहे। सपा के लोगों को जिलाध्यक्ष अध्यक्ष मधुकर सिंह ने सारी बात बताई। कहा कि हमें एनएचएम के अंतर्गत किया जाए।

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सीएमओ के कहने पर दीं दस गाड़ियां

हड़ताल के बाद भी जिले में नौ गाड़ियां चल रही थीं। बुधवार को सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव भी कर्मियों के बीच पहुंचे। कहा कि वह सरकार तक उनकी बात को पहुंचा रहे हैं। मरीजों के हित में 10 गाड़ियां और चलाने की जरूरत है। क्योंकि मरीजों को समस्या हो रही है। कई मरीज बाइक से लाए जा रहे। कुछ ई रिक्शा व टेंपो से आ रहे हैं। सीएमओ के कहने पर 10 एंबुलेंस लेकर कर्मी मरीजों की सेवा में चल दिए। शराब माफियाओं को कोर्ट से मिली जमानत : थाना क्षेत्र हथिगवा व कुंडा में तीन माह पूर्व लगभग 12 करोड़ की अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इसमें भारी मात्रा में अवैध मिलावटी शराब बरामद हुई थी। शराब व्यवसाई राहुल सिंह,विष्णु सरोज निवासी मोहद्दीनगर बलीपुर को जनपद न्यायाधीश प्रतापगढ़ ने राहत देते हुए जमानत मंजूर कर रिहा करने का आदेश दिया है। अभियोजन के मुताबिक आरोपित द्वारा सह आरोपितों के साथ मिलकर अवैध मिलावटी शराब बनवा कर उसका निर्यात जनपद के अंदर व बाहर करता था। इसके सेवन से कई लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। आरोपितों द्वारा अवैध शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। आरोपित का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था। आरोपी गण के अधिवक्ता ने बचाव पक्ष में कहा कि आरोपित को चुनावी रंजिश व फर्जी ढंग से बयान के आधार पर फंसाया गया है। अन्य तर्क व अभियोजन की कमियों का हवाला देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश से जमानत देने की मांग की थी। अभियोजन ने गंभीर प्रकृति का अपराध होने का तर्क देते हुए जमानत खारिज करने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष की दलीलों में दम न पाते हुए आरोपित की जमानत मंजूर कर रिहा करने का आदेश दिया है।

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