गोशालाओें के रखरखाव में लापरवाही करने वाले प्रधानों के विरूद्ध होगी कार्रवाई

प्रतापगढ़। मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन के कक्ष में स्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST)
गोशालाओें के रखरखाव में लापरवाही करने वाले प्रधानों के विरूद्ध होगी कार्रवाई
गोशालाओें के रखरखाव में लापरवाही करने वाले प्रधानों के विरूद्ध होगी कार्रवाई

प्रतापगढ़। मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन के कक्ष में स्थायी एवं अस्थायी गोशालाओं के निर्माण एवं व्यवस्थापना की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि 42 अस्थायी गोशालाएं, दो स्थायी एवं आठ कांजी हाउस हैं। इसमें कुल नौ हजार 772 निराश्रित व बेसहारा गोवंश संरक्षित किये गए हैं। समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि नवसृजित नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाली गोशालाओं को अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को तत्काल हैंडओवर किया जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वृहद गो संरक्षण केंद्र इटवा स्थित गौशाला में जाने के लिये नहर की पटरी क्षतिग्रस्त है। इस वजह से भूसा पहुंचाने में कठिनाई आ रही है। मुख्य विकास अधिकारी ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया कि नहर की पटरी मार्ग का निरीक्षण कर मरम्मत व निर्माण कराना सुनिश्चित करें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश की देखभाल करने वाले कार्यरत श्रमिकों का भुगतान नहीं हो रहा है। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये संबंधित खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि श्रमिकों का भुगतान समय से कराना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। खंड विकास अधिकारी शिवगढ़ ने बताया कि शिवगढ़ ग्राम प्रधान द्वारा गोशाला की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि यदि किसी भी ग्राम प्रधान द्वारा गोशालाओें के कुशल संचालन एवं समुचित रखरखाव में यदि लापरवाही बरती जा रही है तो उसके विरूद्ध 95जी की नोटिस जारी करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए। अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि गोशाला में निराश्रित गोवंश की देखभाल में यदि कोई भी लापरवाही बरती जाएगी तो उसके लिये संबंधित खंड विकास अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी का दायित्व निर्धारित की जायेगा। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि बरसात के कारण जिन गोशालाओ में जल भराव हो गया है, वहां पर जल की निकासी करायी जाए। यदि टीन शेड गिर गए हैं तो उनकी तत्काल मरम्मत करायी जाये। इसी तरह मुख्य विकास अधिकारी ने ब्लाकवार सभी गौशालाओं में पशुओं की देखरेख, चिकित्सा, प्रकाश व्यवस्था, चूनी-चोकर, भूसा, पानी, टीन शेड आदि की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि/रा) शत्रोहन वैश्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विजय प्रताप सिंह, खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

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