कान्हा के जन्मोत्सव पर अबकी कोरोना का ग्रहण
कोरोना ने नटखट कन्हैया का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने पर इस बार ग्रहण लगा दिया है। श्याम सलोने के अवतरण पर पूजन होगा बधाई गीत भी गाए जाएंगे लेकिन घर पर। आस्था की हिलोर होगी पर अपने घर और मन के मंदिर में। कहीं सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : कोरोना ने नटखट कन्हैया का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने पर इस बार ग्रहण लगा दिया है। श्याम सलोने के अवतरण पर पूजन होगा, बधाई गीत भी गाए जाएंगे, लेकिन घर पर। आस्था की हिलोर होगी, पर अपने घर और मन के मंदिर में। कहीं सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किए जाएंगे।
जिले के कुंडा में स्थित सुप्रसिद्ध मनगढ़ धाम का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव यादगार होता रहा है। यहां की झांकियों में ब्रज और गोकुल जैसी अनुभूति होती रही है। आधुनिक तकनीक से झांकियों की सजावट करने बाहर के कारीगर आते रहे हैं। हजारों लोग मनगढ़ में जाकर इसके साक्षी बनते रहे हैं। विदेश तक से सैकड़ों भक्त इसमें आते रहे हैं। पुलिस को भीड़ संभालने में मशक्कत करनी पड़ती थी। जगदगुरु कृपालु परिषत द्वारा सबको प्रसाद दिया जाता था। इस बार कोई आयोजन नहीं होगा। मनगढ़ ट्रस्ट के धीरू भाई के अनुसार लॉकडाउन से ही मंदिर बंद है। जन्माष्टमी पर इस बार कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। मंदिर में दर्शनार्थी नहीं आने पाएंगे। इसके लिए पुलिस व प्रशासन को पत्र लिखकर व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मांगा है। जन्माष्टमी के दिन मंदिर में निर्धारित समय पर पूजन होगा, लेकिन इसमें कोई बाहरी दर्शनार्थी शामिल नहीं रहेगा। ऐसे में बेहतर होगा कि लोग घर पर रहकर पूजन करें।
शहर के गोपाल मंदिर में भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा। संरक्षक हेमंत नंदन ओझा के अनुसार कोरोना का डर सबको है। लोग खुद ही जागरूक हैं और बहुत कम लोग ही मंदिर आएंगे। जो आएंगे उनको फिजिकल दूरी के साथ दर्शन कराया जाएगा। मंदिर की सजावट होगी और रात में 12 बजे जन्मोत्सव पर पुजारी द्वारा पूजन कराया जाएगा। इसी तरह पुलिस लाइन में दो दिन का उत्सव होता था। इस बार नहीं होगा। इसी तरह घुइसरनाथ धाम, बेलखरनाथ धाम, हौदेश्वर नाथ धाम कुंडा, श्याम बिहारी गली जैसे मंदिरों पर भी बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे।
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बलीपुर में झांकी दर्शन
नगर के बलीपुर के साई दर्शन मंदिर में जन्माष्टमी पर झांकी दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। अध्यक्ष शैलेंद्र नाथ ने बताया कि इस बार भजन संध्या कार्यक्रम नहीं होगा। मंदिर के अंदर झांकियां सजाई जाएंगी, जिसे लोग बाहर से देख सकेंगे। परिसर में कोई रुक नहीं सकेगा। एक तरफ से भक्त एक-एक करके आएंगे, दूसरी ओर से बाहर निकल जाएंगे।