युवक की हत्या से फूटा आक्रोश, थाने पर प्रदर्शन

पखवारे भर पहले सरायसुजान से गायब हुए लकी प्रजापति की पिटाई करने के बाद सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान उसके सिर में दो गोली फंसी मिली। उधर पुलिस के रवैए को लेकर मृतक के स्वजनों में आक्रोश है। पुलिस को 15 दिन बाद भी मृतक के मोबाइल की काल डिटेल नहीं मिल सकी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 11:01 PM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 11:01 PM (IST)
युवक की हत्या से फूटा आक्रोश, थाने पर प्रदर्शन
युवक की हत्या से फूटा आक्रोश, थाने पर प्रदर्शन

संवाद सूत्र, मानधाता : पखवारे भर पहले सरायसुजान से गायब हुए लकी प्रजापति की हत्या के मामले में पुलिस ने जमकर लापरवाही बरती। वहीं पोस्टमार्टम के दौरान सिर में दो गोली फंसी मिलने के बाद सोमवार को स्वजन आक्रोशित हो उठे। पुलिस के रवैए को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। देर शाम सात बजे आक्रोशित ग्रामीणों ने मानधाता थाने का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उनकी सीओ से नोकझोंक भी हुई।

मानधाता थाना क्षेत्र के सरायसुजान गांव निवासी सुरेश प्रजापति के इकलौता बेटे लकी प्रजापति (19) का शव रविवार शाम लगभग छह बजे सराय सुजान गांव मुज्मि्मल के भट्ठे के पास नाले में उतराया मिला था। पोस्टमार्टम के पहले शव का एक्स-रे कराने पर सिर में दो गोली फंसी दिखी। पोस्टमार्टम के दौरान सिर में फंसी गोली निकाली गई, उसके पीठ पर घाव थे, इससे यह अनुमान है कि पहले उसे मारा-पीटा गया था। उधर, पुलिस के रवैए को लेकर परिवार के लोगों के साथ ग्रामीणों में आक्रोश भर गया। वहीं सोमवार को विधायक आर.के. वर्मा मृतक के घर पहुंचे और स्वजनों से संवेदना व्यक्त की। स्वजनों ने आरोप लगाया कि अगर मानधाता पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया होता तो शायद लकी की जान बच सकती थी। वहीं विधायक के जाने के बाद शाम करीब सात बजे स्वजनों के साथ आक्रोशित ग्रामीणों ने मानधाता थाने का घेराव कर लिया। इस दौरान उन्हें समझाने पहुंचे सीओ रानीगंज अतुल अंजान त्रिपाठी से ग्रामीणों की जमकर नोकझोंक हुई। ग्रामीण लगातार मानधाता एसओ सत्येंद्र राय व हल्का दारोगा हरिशंकर तिवारी के निलंबित की मांग कर रहे थे और कैंडिल जला प्रदर्शन करते रहे। हालांकि सीओ उन्हें आश्वासन देते रहे कि चौबीस घंटे में हत्यारोपितों की गिरप्तारी हो जाएगी, लेकिन ग्रामीण एसओ और दारोगा के खिलाफ कार्रवाई को लेकेर देर रात तक डटे रहे। वहीं ग्रामीणों का आक्रोश देख आसपास की थानों की फोर्स भी बुला ली गई थी।

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