साल भर लबालब रहता है एक हजार साल पुराना बक्सी साव तालाब
एक तालाब जिसकी अपनी संस्कृति है सभ्यता है कहानी है। पांच बीघा क्षेत्रफल में फैले तालाब और उसके पानी को देखेंगे तो दो परि²श्य जेहन में आएंगे। एक तो यह कि तालाब में पक्की सीढि़यां व्यवस्थित घाट इसके प्राचीन संस्कृति और गौरव का आभास कराएंगे और दूसरा यह कि अप्रैल की तपती दोपहरी में भी इसमें पानी की उपलब्धता इसके वर्ष पर्यंत लबालब होने की गवाही देंगे।
रानीगंज : एक तालाब, जिसकी अपनी संस्कृति है, सभ्यता है, कहानी है। पांच बीघा क्षेत्रफल में फैले तालाब और उसके पानी को देखेंगे तो दो परि²श्य जेहन में आएंगे। एक तो यह कि तालाब में पक्की सीढि़यां, व्यवस्थित घाट इसके प्राचीन संस्कृति और गौरव का आभास कराएंगे और दूसरा यह कि अप्रैल की तपती दोपहरी में भी इसमें पानी की उपलब्धता इसके वर्ष पर्यंत लबालब होने की गवाही देंगे।
तालाब में वर्षों से पूरे साल पानी रहने से आसपास का भूजल स्तर अच्छा होने पर कम गहराई में पानी उपलब्ध हो जाता है। तालाब का पानी आसपास के लोगों के लिए बर्तन व कपड़े धोने के काम आता है। बच्चे स्नान भी करते हैं। पशु-पक्षी भी पानी पीने पहुंचते हैं। गर्मी के दिनों में सुबह-शाम लोग यहां बैठकी भी करते हैं। ठंडक मिलती है। इतिहास समेटे यह तालाब रानीगंज तहसील क्षेत्र के शिवगढ़ ब्लाक के हुसैनपुर गांव में है। इसका नाम बक्सी साव तालाब है। पांच बीघा क्षेत्र में फैले इस तालाब के अस्तित्व के बारे में बुजुर्ग भी प्रामाणिक तौर पर कुछ नहीं बता पाते हैं। सिर्फ इतना कहते हैं कि इस तालाब के अस्तित्व में होने की बात वह अपने दादा-परदादा से सुनते आए हैं। वह इसे हजार वर्ष से ज्यादा पुराना बताते हैं। हां, जिस नाम से तालाब की पहचान है, वह बक्सी साव बड़ी शख्सियत थे। उन्होंने इसे लाखौरी ईंट से पक्का तालाब बनवाया था। गांव में एक मस्जिद भी बक्सी साव ने बनवाया था। यह तालाब आज क्षेत्र के लोगों के जीवन में खुशियां भर रहा है। इस तालाब में महिला व पुरुष के नहाने और कपड़े बदलने के लिए अलग-अलग कमरे बने हैं, जो आज भी मौजूद हैं। बक्सी साव हुसैनपुर के बडे शख्सियत थे। उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लिए लाखौरी ईंट से पक्का तालाब सीढ़ी रैंप बनवाया था। बारिश का पानी तालाब में आने के लिए रैम्प है, यह तालाब कभी सूखता नहीं है। कितनी भी गर्मी पड़े फिर भी पानी रहता है। निर्वतमान प्रधान करमइता देवी के बेटे सुरेश कुमार का कहना है कि बक्सी साव के नाम से तालाब का इतिहास करीब एक हजार वर्ष पुराना है। गांव वाले इसकी देखरेख करते हैं। समय-समय पर इसकी सफाई भी होती रहती है।
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