जिले में 50 आतिशबाज डंप कर रहे हैं पटाखे

प्रतापगढ़ दीपावली का त्योहार करीब आने पर पटाखे बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिले

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:05 PM (IST)
जिले में 50 आतिशबाज डंप कर रहे हैं पटाखे
जिले में 50 आतिशबाज डंप कर रहे हैं पटाखे

प्रतापगढ़ : दीपावली का त्योहार करीब आने पर पटाखे बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिले में 50 आतिशबाज पटाखा बनाकर डंप कर रहे हैं। अधिकांश आतिशबाज रिहायशी इलाकों में पटाखा बना रहे हैं, जिससे हर पर हादसे का खतरा बना हुआ है।

दीपावली चार नवंबर को है, इस पर्व पर लाखों रुपये का पटाखा दगाया जाता है। इस त्योहार का खास तौर पर बच्चों को बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि पटाखा दगाने में बच्चे ही बढ़-चढ़कर आगे रहते हैं। दीपावली के त्यौहार को करीब दस दिन बचा है, ऐसे में आतिशबाज पटाखा बनाना शुरू कर दिए हैं। जिले में 50 आतिशबाजों ने पटाखा बनाने का लाइसेंस ले रखा है। वैसे तो लाइसेंस में यह शर्त रहती है कि पटाखा रिहायशी इलाकों से दूर बनाया जाएगा, लेकिन यहां तो अधिकांश आतिशबाज घर में ही पटाखा बना रहे हैं।

शहर के अलावा कटरा मेदनीगंज में बड़े पैमाने पर पटाखा बनाया जाता है। इस समय सभी आतिशबाजों के यहां यह कारोबार शुरू हो गया है, लेकिन इसे लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट नहीं है। आतिशबाजों के यहां अभी तक चेकिग शुरू नहीं की गई है। शायद प्रशासन को हादसा होने का इंतजार है। वहीं दूसरी ओर पटाखा बेचने का सौ से अधिक दुकानदारों ने लाइसेंस ले रखा है। शहर में कंपनी बाग के पास और रामलीला मैदान में पटाखों की बिक्री की जाती है, इसी दोनों स्थानों पर पटाखा बेचने की प्रशासन की अनुमति रहती है।

इसके अलावा तमाम छोटे दुकानदार भी रिहायशी इलाकों में पटाखा बेचते हैं। ऐसे में हर समय हादसे का संकट बरकरार रहता है। फिर भी जिला व पुलिस प्रशासन उन्हें रोकता टोकता नहीं है।

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दो साल बाद होता है लाइसेंस का नवीनीकरण

पटाखा बनाने और बेचने वालों को हर दो साल बाद लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता है। लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने पर पर फायर ब्रिगेड जांच करता है कि जिस स्थान पर पर पटाखा बनाने या बेचने के लिए आवेदन किया गया है, वह रिहायशी इलाके में तो नहीं हैं। अगर संबंधित स्थान पर रिहायशी इलाका बसा होता है तो लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाता है।

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-जिले में 50 आतिशबाजों ने पटाखा बनाने का लाइसेंस लिया है, जबकि 100 दुकानदारों ने पटाखा बेचने का लाइसेंस ले रखा है। प्रत्येक लाइसेंस धारक को हर दो साल पर लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होता है-

प्रभाकर पांडेय, अग्निशमन अधिकारी।

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