जलस्तर घटते ही शुरू होगा नुकसान का सर्वे

पीलीभीतजेएनएन जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि नदियों में जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। जल्द ही बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे शुरू करा दिया जाएगा। प्रभावित लोगों को नुकसान का मुआवजा मिलेगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 12:07 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 12:07 AM (IST)
जलस्तर घटते ही शुरू होगा नुकसान का सर्वे
जलस्तर घटते ही शुरू होगा नुकसान का सर्वे

पीलीभीत,जेएनएन : जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि नदियों में जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। जल्द ही बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे शुरू करा दिया जाएगा। प्रभावित लोगों को नुकसान का मुआवजा मिलेगा।

गुरुवार को अपराह्न यहां बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने के उपरांत जल शक्ति मंत्री का हेलीकाप्टर पुलिस लाइन परेड मैदान पर उतरा। भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, विधायक किशनलाल राजपूत एवं बाबूराम पासवान, जिलाधिकारी पुलकित खरे तथा पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने उनकी अगवानी की, इसके बाद मंत्री ने पुलिस लाइन के सभागार में अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वह हवाई सर्वे करने के लिए पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान तथा प्रभावित लोगों को अविलंब सहायता राशि मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि जिले की पांचों तहसीलों में 49 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 271 चौकियां स्थापित हैं। इन चौकियों पर नियुक्त टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी हैं। जिला प्रशासन ने राहत आयुक्त से संपर्क कर शारदा पार फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया था। तुरंत ही वायुसेना का हेलीकाप्टर उपलब्ध कराकर बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला गया। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि बाढ़ से कोई जनहानि नहीं हुई है। कहा कि वनबसा बैराज 1931 में बना था, तब से अब तक कभी इतनी अधिक मात्रा में अतिरिक्त पानी शारदा नदी में पहले नहीं छोड़ा गया। दो-ढाई लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जाता रहा है। इस बार 5 लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यही स्थिति ड्यूनीडाम की रही, जिस कारण देवहा में भी बाढ़ आ गई। बताया कि वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करने आए हैं। राहत और बचाव कार्य तत्परता से शुरू कराने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन की तारीफ की। कहा कि 30 हजार भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं। इसके अलावा 1500 राशन किट का वितरण हो चुका है। प्रभावित लोगों की हर संभव मदद जिला प्रशासन कर रहा है। बचाव व राहत कार्यों में 80 नावें लगाई गईं। साथ ही कई मोटरबोट भी संचालित की जा रही हैं। एनडीआरएफ, एसएसबी, पीएसी आदि के जवान बचाव कार्य में लगे हैं। कहा कि पहले बाढ़ से बचाव के कार्य मार्च अप्रैल में होते थे लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर ये कार्य इस बार जनवरी में ही करा लिए गए। इसी कारण सारे तटबंध सुरक्षित हैं। इस प्राकृतिक आपदा से यह स्थिति आई लेकिन प्रशासन ने कुशलता से कार्य किया। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान, बरखेड़ा विधायक किशनलाल राजपूत, प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद, बाढ़ खंड के प्रमुख अभियंता एके सिंह, जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसपी दिनेश कुमार पी, टाइगर रिजर्व के डीएफओ नवीन खंडेलवाल, अपर जिलाधिकारी वित्त कुंवर बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक देवेंद्र प्रताप मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी, नगर मजिस्ट्रेट अरुण कुमार अधिकारी बैठक में शामिल रहे।

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