उत्तराखंड बार्डर को जोड़ने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। तकरीबन डेढ़ दशक पहले बेला पुखरा कोलारा हरदासपुर नवीन नगर गांवों से होकर गुजरने वाले करीब छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर महज दो किलोमीटर तक सीसी मार्ग का निर्माण किया गया था जबकि इस मार्ग से जुड़े गांवों में प्रगतिशील किसान रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 11:22 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:11 AM (IST)
उत्तराखंड बार्डर को जोड़ने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील
उत्तराखंड बार्डर को जोड़ने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील

पीलीभीत,जेएनएन: उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। तकरीबन डेढ़ दशक पहले बेला पुखरा, कोलारा, हरदासपुर, नवीन नगर गांवों से होकर गुजरने वाले करीब छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर महज दो किलोमीटर तक सीसी मार्ग का निर्माण किया गया था, जबकि इस मार्ग से जुड़े गांवों में प्रगतिशील किसान रहते हैं। इन गांव के तमाम लोग विदेशों में रहकर नौकरी कर रहे हैं। यह लोग जब भी घर आते हैं तो रास्ते के गड्ढों को देख शासन-प्रशासन को कोसते दिखाई देते हैं। इसी मार्ग से नवीन नगर होते हुए नानकमत्ता उत्तराखंड से लोग आते जाते भी हैं। मार्ग पर गहरे गड्ढे होने से लोगों का निकलना दुभर हो जाता है। बरसात का पानी भरने से मार्ग पर आवागमन बंद होने की स्थिति आ जाती है। ऐसे में लोग 10 किलोमीटर घूम कर आते जाते हैं। उपजिलाधिकारी अमरिया ने बताया कि सड़क मरम्मत कराने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाएगा।

ग्राम प्रधान कोलारा हरदासपुर बलजीत सिंह का कहना है कि मार्ग बेहद खस्ताहाल है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत मार्ग की नाप हो चुकी है। मिट्टी का सैंपल विभाग से भेजा गया है। मार्ग बेहद टूटा हुआ है जिससे आने-जाने में भारी दिक्कत होती है।

पूर्व प्रधान हरदासपुर दलजिदर सिंह उर्फ कुक्कू का कहना है कि मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है उन्होंने अपने कार्यकाल में तत्कालीन सांसद मेनका गांधी को पत्र भेजकर मार्ग बनाने की मांग की थी। दो राज्यों को जोड़़ने वाला मार्ग बनना चाहिए। लोगों को दिक्कत का सामना न करना पड़े।

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य हरदासपुर कोलारा रंजीत सिंह राणा का कहना है कि सड़क बेहद खस्ताहाल हो चुकी है मार्ग पर गहरे गहरे गड्ढे हो जाने से मांग से निकलना भी दुश्वार हो गया है। अपने गांव से कोलारा होते हुए अगर मझोला जाना होता है तो मार्ग में गहरे गहरे गड्ढे होने से निकलना भी दुश्वार हो गया है।

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