बाघिन की तस्वीर कैद होने के बाद जंगल रास्ते पर आवागमन बंद

टाइगर रिजर्व की दियोरिया कलां रेंज के जंगल में बाघिन के हमले में दो युवकों की मौत के बाद घटनास्थल के आसपास लगे कैमरों में कई दिनों तक बाघिन का मूवमेंट नहीं दिखा। लेकिन अब बाघिन की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई है। जिसके बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:55 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:55 PM (IST)
बाघिन की तस्वीर कैद होने के बाद जंगल रास्ते पर आवागमन बंद
बाघिन की तस्वीर कैद होने के बाद जंगल रास्ते पर आवागमन बंद

पीलीभीत, जेएनएन: टाइगर रिजर्व की दियोरिया कलां रेंज के जंगल में बाघिन के हमले में दो युवकों की मौत के बाद घटनास्थल के आसपास लगे कैमरों में कई दिनों तक बाघिन का मूवमेंट नहीं दिखा। लेकिन अब बाघिन की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई है। जिसके बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। वहीं दहशत के मारे ग्रामीणों ने जंगल के रास्ते पर आवागमन बंद सा कर दिया है। अधिकतर लोगों ने कई किलोमीटर अधिक दूरी तय कर दूसरे रास्ते पर आना जाना शुरू कर दिया है।

दियोरिया कलां निवासी कंधई लाल व सोनू पर खन्नौत नदी पुल से कुछ दूरी पर सड़क के किनारे घात लगाए बैठे दो बाघों ने हमला बोल कर उन्हें अपना शिकार बना लिया था। दोनों युवक गांव के विकास के साथ बाइक पर सवार होकर पुवायां थाना क्षेत्र के ग्राम जलालनगर से लौट रहे थे। हमले के दौरान विकास ने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई थी। इस घटना के बाद जंगल से होकर जाने वाले मार्ग पर शाम को आवागमन बंद करा दिया गया था। दियोरिया कलां स्थित वन विभाग की चेकपोस्ट व घुघंचाई पुलिस चौकी क्षेत्र में स्थित टूटा पुल ग्राम के समीप स्थित चेक पोस्ट पर वाहन चालकों को रोक कर समूह बनाकर निकलने को प्रेरित किया जा रहा था। इस बीच इस मार्ग पर लगाए गए कैमरों में बाघिन की तस्वीर कैद होने के बाद राहगीरों की मुश्किलें बढ़ गई है। उन्होंने मार्ग पर आवागमन लगभग बंद कर दिया है। पहले जहां इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आते जाते थे वहीं अब सतर्कता के कारण 100 से 200 लोग ही मार्ग पर आ जा रहे हैं। दियोरिया कलां से पूरनपुर तक का जंगल से होकर जाने वाला मार्ग मात्र 30 किलोमीटर है। इस मार्ग पर बाघों का खतरा होने के कारण अधिकांश राहगीर अब ग्राम जरा होते हुए दियोरियां पूरनपुर आ जा रहे हैं। इस मार्ग से लगभग 10 किलोमीटर का अधिक सफर तय करना पड़ रहा है। परंतु मार्ग पर खतरा कम है। जंगल के किनारे बसे ग्राम जयनगर, गोपालपुर, फूटा कुआ, दियोरिया सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामों के ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। डर के कारण ग्रामीण अपने मवेशियों को चराने के लिए खेतों पर नहीं ले जा रहे हैं। ग्रामीण दिन में भी खेतों पर समूह बनाकर जा रहे है। वन क्षेत्राधिकारी बीके गुप्ता ने बताया कि इस मार्ग पर रात में दोपहिया वाहन चालकों का आवागमन बंद कर दिया गया है।

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