पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पर्यटन सत्र एक नवंबर से
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र को लेकर अनिश्चितता के बादल छंट गए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी पर्यटन सत्र 15 पहले शुरू हो जाएगा। शासन ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इस बार पर्यटकों के साथ जिप्सी चालकों व गाइडों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखने की तैयारी है।
पीलीभीत, जेएनएन : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र को लेकर अनिश्चितता के बादल छंट गए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी पर्यटन सत्र 15 पहले शुरू हो जाएगा। शासन ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इस बार पर्यटकों के साथ जिप्सी चालकों व गाइडों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखने की तैयारी है। इसके लिए जंगल के सभी रास्तों पर कैमरे लगाए जाएंगे। टाइगर रिजर्व के सबसे प्रसिद्ध स्थल चूका पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
देश-दुनिया में पहचान बना चुके पीटीआर का पर्यटन सत्र वैसे हर साल 15 नवंबर से शुरू होकर अगले साल 15 जून तक चलता है। फिर मानसून में पर्यटन बंद हो जाता है। पिछले साल कोरोना महामारी का दौर शुरू हो जाने से टाइगर रिजर्व का पर्यटन मार्च के अंतिम सप्ताह में बंद कर दिया था। बाद में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हुआ तो पिछले वर्ष पहली नवंबर से पर्यटन सत्र शुरू करा दिया था। हालांकि अप्रैल में जब कोरोना की दूसरी लहर आई तो एक बार फिर बीच सत्र में ही पर्यटन को बंद कर दिया। इधर, नए पर्यटन सत्र को लेकर जब तैयारी शुरू हुई तो ये कयास थे कि इस बार भी पहली नवंबर से पर्यटन शुरू हो जाएगा। इसकी अनुमति शासन से लेने को प्रस्ताव भेजा था। अब शासन ने उस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में पहली नंवबर को ही पर्यटन सत्र का शुभारंभ होने का रास्ता साफ हो गया है। इस बार वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ नए नियम लागू किए जा रहे हैं। पर्यटकों के घूमने के जंगल में जितने भी मार्ग तय हैं। उन सभी पर निगरानी की व्यवस्था रहेगी। उन मार्गों पर कैमरे लगाए जाएंगे। जिससे पर्यटकों, टूरिस्ट गाइडों एवं जिप्सी चालकों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। जंगल में भ्रमण में पर्यटक, गाइड अथवा जिप्सी चालक वन्य जीवन से किसी प्रकार की छेड़छाड़ करते हैं, तो पकड़े जाएंगे। ऐसे लोगों को टाइगर रिजर्व की सीमा से तत्काल बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इनसेट
पर्यटन सत्र पहली नवंबर से शुरू करने की अनुमति मिल गई है। विशेष तौर पर चूका में तैयारियां पूरी की जा रही हैं। जंगल मे पर्यटक के आने जाने वाले मार्गों को दुरुस्त कराने का कार्य भी शुरू किया जा रहा है। इस बार पर्यटकों, जिप्सी चालकों, गाइडों की गतिविधियों पर निगरानी को मार्गों पर कैमरे भी लगाए जाएंगे। इससे कोई भी वन्य जीवन व वन संपदा से छेड़छाड़ न कर सके।
नवीन खंडेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी, टाइगर रिजर्व