बाघों को कोरोना संक्रमण से बचाने की कवायद

बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों पर भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। इस बारे में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से दिशा निर्देश मिलने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघों को संक्रमण से बचाने की कवायद शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:09 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:09 PM (IST)
बाघों को कोरोना संक्रमण से बचाने की कवायद
बाघों को कोरोना संक्रमण से बचाने की कवायद

पीलीभीत,जेएनएन : बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों पर भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। इस बारे में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से दिशा निर्देश मिलने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघों को संक्रमण से बचाने की कवायद शुरू कर दी है।

बाघों के स्वभाव पर निगरानी के लिए जंगल को कोर एरिया में विभिन्न स्थानों पर पचास कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के माध्यम से बाघों के स्वभाव पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। टाइगर रिजर्व के वन्यजीव चिकित्सक कैमरों से प्राप्त डाटा का लगातार विश्लेषण करते रहेंगे। अगर किसी बाघ की असामान्य हरकतें पाई जाएंगी, उसे क्वारंटाइन करा दिया जाएगा। टाइगर रिजर्व के हरीपुर रेंज के नवदिया में बाघ क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। असामान्य हरकतें जिस बाघ में पाई जाएंगी, उसे ट्रैंकुलाइज करके सैनिटाइज पिजरे में कैद करने के बाद क्वारंटाइन सेंटर ले जाने की योजना टाइगर रिजर्व प्रशासन ने तैयार कर ली है। पिछली गणना में यहां के जंगलों में 65 से अधिक बाघ होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद से अब तक बाघों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच बाघों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने की चुनौती भी सामने आ गई है। इनसेट

बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों में कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप यहां बाघों को संक्रमण से बचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। बाघों के स्वभाव का अध्ययन करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही सैनिटाइज पिजरे तैयार करा लिए हैं। जिससे जरूरत पड़ने पर बाघ को क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाया जा सके।

नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर टाइगर रिजर्व

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