बाघिन की चहलकदमी से थमा यातायात
जंगल से बाहर निकलकर बाघिन माधोटांडा रोड पर गई। कुछ देर तक तो वह सड़क पर बैठी रही। बाद में चहलकदमी करने लगी। मार्ग से गुजर रहे राहगीरों ने जब दूर से ही बाघिन हो देखा तो सहम गए। वाहनों के भी पहिये थम गए। सूचना पर पहुंची पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम ने गाड़ी बाघिन के पीछे लगा दी।
जेएनएन : जंगल से बाहर निकलकर बाघिन माधोटांडा रोड पर गई। कुछ देर तक तो वह सड़क पर बैठी रही। बाद में चहलकदमी करने लगी। मार्ग से गुजर रहे राहगीरों ने जब दूर से ही बाघिन हो देखा तो सहम गए। वाहनों के भी पहिये थम गए। सूचना पर पहुंची पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम ने गाड़ी बाघिन के पीछे लगा दी। बाघिन ने जब गाड़ी की हलचल महसूस की तो सड़क से उतरकर जंगल के अंदर चली गई। बाघिन के जाने के बाद मार्ग पर यातायात सुचारू हो सका।
पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग के दोनों ओर माला रेंज का जंगल है। करीब साढ़े तीन बजे एक बाघिन जंगल से निकलकर मार्ग पर आ गई। राह चलते लोग सहम गए। लोगों ने काफी दूर ही अपने वाहन रोक लिए। कई लोग मोबाइल से बाघिन का वीडियो बनाने लगे। बाघिन कुछ देर सड़क पर बैठी रही और फिर उठकर चहलकदमी करने लगी। इसी दौरान सूचना पाकर पीटीआर की टीम मौके पर पहुंच गई। कुछ देर तक तो टीम के लोग बाघिन की मॉनीटरिग करते रहे। बाघिन मजे से टहलती रही। फिर टीम बंद गाड़ी में सवार हो गई। गाड़ी जब बाघिन के बिल्कुल निकट पहुंच गई तो वह सड़क से उतरकर जंगल में चली गई। इस मार्ग पर इससे पहले भी कई बार जंगल से निकलकर बाघ आ चुका है। पहले भी इसी तरह से बाघ के सड़क पर आने की वजह से ट्रैफिक थम चुका है। बहरहाल बाघिन के जंगल में लौटने के बाद मार्ग पर यातायात सुचारू हो गया। पीटीआर की टीम का नेतृत्व करने वाले फारेस्टर सुरेंद्र गौतम का कहना है कि बाघिन सुरक्षित जंगल में पहुंच गई है। सड़क के दोनों तरफ घना जंगल है। ऐसे में अक्सर वन्यजीव एक ओर के जंगल से दूसरी ओर जाने के लिए सड़क को पार करते हैं। कई बार वन्यजीव सड़क पर भी चहलकदमी करने लगते हैं। वन कर्मियों को लगातार मॉनीटरिग करनी होगी है।