चुनावी समर में कूदने से पहले सपा में टिकट की खींचतान
पीलीभीतजेएनएन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख अभी तक घोषित नहीं हुई है लेकिन चुनावी फिजा धीरे- धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। मिशन 2022 को लेकर अधिकांश राजनीतिक दलों ने सरगर्मियां तेज कर दी हैं। चुनावी रणनीतिकारों ने जिताऊ और दमदार उम्मीदवारों की खोजबीन भी तेज कर दी है। संभावित दावेदारों ने भी जगह-जगह होर्डिंग लगवाकर प्रमुख लोगों से संपर्क शुरू कर दिया है। फिलहाल सबसे दिलचस्प माहौल सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट को लेकर दिखाई रहा है। यहां आधा दर्जन से ज्यादा दावेदारों के बीच अंदरखाने टिकट की जंग चल रही है। सभी दावेदार खुद का टिकट पक्का मानकर जुटे हुए हैं।
पीलीभीत,जेएनएन : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख अभी तक घोषित नहीं हुई है, लेकिन चुनावी फिजा धीरे- धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। मिशन 2022 को लेकर अधिकांश राजनीतिक दलों ने सरगर्मियां तेज कर दी हैं। चुनावी रणनीतिकारों ने जिताऊ और दमदार उम्मीदवारों की खोजबीन भी तेज कर दी है। संभावित दावेदारों ने भी जगह-जगह होर्डिंग लगवाकर प्रमुख लोगों से संपर्क शुरू कर दिया है। फिलहाल सबसे दिलचस्प माहौल सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट को लेकर दिखाई रहा है। यहां आधा दर्जन से ज्यादा दावेदारों के बीच अंदरखाने टिकट की जंग चल रही है। सभी दावेदार खुद का टिकट पक्का मानकर जुटे हुए हैं।
हाजी रियाज के निधन के बाद उभरे दावेदार
सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद का तकरीबन तीन दशक तक एकछत्र राज रहा था। इस सीट से वह पांच बार विधायक चुने गए थे। करीब चार माह पहले कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से हाजी रियाज अहमद का निधन हो गया था। इसके कुछ दिन बाद कोरोना से ही उनकी पुत्री व जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष रुकैया आरिफ का भी निधन हो गया था। हाजी रियाज अहमद के रहते कभी किसी ने सदर सीट पर दावेदारी करने का साहस नहीं जुटाया था, लेकिन उनके निधन के बाद अचानक सदर सीट पर सपा टिकट को लेकर दावेदारी करने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। संभावित दावेदारों में पूर्व विधायक अरशद खां, हाजी रियाज अहमद के पुत्र शाने अली, दामाद मोहम्मद आरिफ, नफीस अंसारी, हनीफ मंसूरी, नदीम मलिक, पूर्व पालिका चेयरमैन राजीव अग्रवाल उर्फ टीटी, पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुण वर्मा तथा डॉ. आजममीर खां के नाम चर्चा में हैं। राजनैतिक विरासत को लेकर साले जीजा में खींचतान
हाजी रियाज अहमद के निधन के बाद उनकी राजनैतिक विरासत को लेकर उनके पुत्र शाने अली तथा दामाद मुहम्मद आरिफ के बीच खींचतान शुरू हो गई है। शाने अली फिलहाल डाक्टरी पढ़ रहे हैं, जबकि मुहम्मद आरिफ पहले से ही राजनैतिक क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव भी लड़ा था। कुछ दिनों पहले मुहम्मद आरिफ ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिये अपने सियासी मंसूबे को जाहिर करते हुए कहा कि हाजी रियाज अहमद उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं, उनसे ही राजनैतिक गुर सीखे थे। वहीं उनकी पत्नी रुकैया आरिफ को जिला पंचायत का अध्यक्ष बनवाकर उनकी राजनीति में इंट्री कराई थी। इसी आधार पर मुहम्मद आरिफ उनकी राजनैतिक विरासत का दावेदार मान रहे हैं। वहीं शाने अली खुद को अपने वालिद की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी मान रहे हैं।
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सदर विधानसभा सीट के लिए पार्टी मुख्यालय में काफी लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। आवेदनों के आधार पर सर्वे चल रहा है। सर्वे के उपरांत जिला स्तर से भी दावेदारों के नामों का पैनल बनाकर प्रदेश कार्यालय में भेजा जाएगा, जिसके बाद टिकट की घोषणा की जाएगी।
- जगदेव सिंह जग्गा, सपा जिलाध्यक्ष