खुलकर नहीं खिली धूप, तराई में सर्दी बढ़ी
पीलीभीतजेएनएन तराई के जिले में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह से ही आसमान पर बादल उमड़ने लगे। दोपहर में कुछ देर धूप खिली लेकिन फिर शाम तक सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। ऐसे में ठंड बढ़ गई है। गेहूं और गन्ना जैसी फसलों के लिए यह मौसम अनुकूल माना जा रहा है।
पीलीभीत,जेएनएन : तराई के जिले में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह से ही आसमान पर बादल उमड़ने लगे। दोपहर में कुछ देर धूप खिली लेकिन फिर शाम तक सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। ऐसे में ठंड बढ़ गई है। गेहूं और गन्ना जैसी फसलों के लिए यह मौसम अनुकूल माना जा रहा है।
बुधवार को सुबह जब लोग सोकर उठे तो आसमान पर बादल दिखे। हल्के बादल होने की वजह से दिन चढ़ने के साथ ही धूप खिली लेकिन उसमें गर्माहट काफी कम रही। इसके बाद आसमान पर बादल घने हुए तो धूप गायब हो गई। फिर तो सायं तक सूर्यदेव बादलों की ओट में ही छिपे रहे। अभी तक सुबह और रात के समय ठंड महसूस की जा रही थी। दिन में तेज धूप खिलने की वजह से लोग ज्यादा गर्म कपड़े नहीं पहन रहे थे लेकिन मौसम का मिजाज बदलने से ठंड बढ़ी तो लोग सिर के पैर तक गर्म वस्त्रों से ढंके नजर आने लगे। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका ने पंतनगर स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के हवाले से बताया कि बुधवार को तराई के जिले में अधिकतम तापमान 21.3 तथा न्यूनतम 10.8 डिग्री सेंटीग्रेड रिकार्ड किया गया। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम की यह स्थिति बनी है। अगले तीन-चार दिनों तक इसी तरह आसमान पर बादल उमड़ते रहेंगे, जिससे ठंड में और बढ़ोतरी होगी। पांच और छह दिसंबर को हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम का यह बदला मिजाज फसलों के लिए फायदेमंद है। ठंड बढ़ने से गेहूं का जमाव अच्छा रहेगा। अगर हल्की बारिश हुई तो वह भी गेहूं व गन्ना जैसी फसलों के लिए लाभकारी होगी। पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में यह बदलाव आया है।
डा. शैलेंद्र सिंह ढाका, वरिष्ठ विज्ञानी, राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र